परमाणु अस्त्रों के सम्बन्ध में अनेक मंचों पर जब चिंता जताई जाती है तब हमकों एक कहानी याद आ जाती है-कुछ लोग एक मुर्दा उठायें हुए शमशान की ओर जा रहे थे, मोटा ताजा होने के कारण जब उसके भारीपन का एहसास हुआ तो उपाय सोचने हेतु उसे उतारा गया, फिर मुंह की ओर से कफ़न खोला, बड़ी बड़ी मूँछे देखकर एक सज्जन ने राय यह दी कि इसकी मूँछें उखाड़ लो। अस्त्रों के अप्रसार, निरस्त्रीकरण आदि के अनेक समझौते हुए, एन0 पी0 टी0, सी0 टी0 बी0 टी0 की संधियाँ काफी पहले की हैं, परन्तु समस्या जहाँ थी वही अब भी हैं। बात यह है कि हुल्लड़ वही देश मचाते है जिनके पास विश्व भर के परमाणु हथियारों का 95 ज़खीरा मौजूदा है। यह हुल्लड़ भी इसलिये होता है कि वे दुसरो पर निशाना साधते रहें और किसी को उनकी ओर उंगली उठाने का मोका ने मिले। आप ग़ौर करें कि चीन के पास 200, इस्राईल के पास 200, भारत, पाकिस्तान के पास 100-100 परन्तु अमेरिका व रूस के मिला कर 22 हजार से अधिक परमाणु हथियार हैं। अप्रेल 10 के दुसरे सप्ताह में इस मामलें पर दो स्थानों पर र्वातायें हुईं। सप्ताह के आरम्भ में चेकोस्लोवाकिया की राजधानी प्राग में अमेरिक