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Showing posts from May 11, 2010

मिड डे गुजराती और इंकलाब को आगे ले जाने की तैयारी

हाल में मिड डे मल्टीमीडिया के प्रिंट बिजनेस को खरीदने के बाद जागरण प्रकाशन लिमिटेड ने मिड डे गुजराती और उर्दू दैनिक इंकलाब को आगे ले जाने के लिए आक्रामक योजनाएं बनाई हैं।जागरण के चीफ फाइनेंशियल आफिसर आर के अग्रवाल ने कहा कि सबसे पहला काम इंकलाब को दैनिक जागरण की मौजूदगी वाले बाजार में उतारना है इसके बाद मिड डे गुजराती को मुंबई में काफी ऊपर ले जाना जिससे कंपनी को यहां से भारी आय हो सके। अग्रवाल को उम्मीद है कि इंकलाब हाल ही में मिड डे की खरीद पर खर्च हुई रकम अपने दम पर वसूलने में कामयाब हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह उर्दू दैनिक मुनाफे की स्थिति में है जो इसके सर्कुलेशन नहीं बल्कि विज्ञापनों से होने वाली आय पर निर्भर करता है। मिड डे अंग्रेजी के लिए ग्रुप ने प्रमुख रुप से इसके मुंबई और पुणो एडिशन पर फोकस करने का फैसला किया है। जागरण ने मिड डे के प्रबंधन स्तर पर कुछ सुधार किए जाने की तैयारी की है जबकि संपादकीय पदों पर किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।   आगे पढ़ें के आगे यहाँ

लो क सं घ र्ष !: मानव अधिकार आयोग

आयोग का उद्देश्य - भारतीय संविधान ने अपने नागरिकों के इंसान की तरह सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार प्रदान कर रखा है। इंसान , इंसान ही होता है हैवान नहीं हो सकता , फिर भी हमारे देश का एक वर्ग इंसान को हैवान की तरह बांधने , बांधने के बाद छोड़कर हंकाने और कभी - कभी इंसान के सम्मान को छोड़कर बाकी सभी सुख - सुविधाएं उन्हें मुहैया करने के पक्ष में है। अब तो इस मशीनी युग में सारा काम मशीन से किया जाता है और उन मशीनों को चलाने वाले इंसानी दिमाग होते हैं। इस मशीनों का मालिक मशीनों को ठीक - ठाक रखने के लिए इसके रख - रखाव पर ठीक - ठाक खर्च करता है , उसी तरह इस मशीनी युग से पहले जब हमारा समाज जानवरों पर निर्भर करता था , खेती से लेकर ढुलाई तक काम और उससे पहले राजा महाराजा लड़ाई में जानवरों का इस्तेमाल किया करते थे। राजाओं की सेना में घोड़ों और हाथियों के अस्तबल हुआ करते थे और उनकी देखभाल के लिए भी इसी तरह के इंसान ल

लो क सं घ र्ष !: ब्लॉग उत्सव 2010

सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं, सादर प्रणाम, आज ब्लोगोत्सव के नौवें दिन अर्थात दिनांक १० .०५.२०१० के संपन्न कार्यक्रम का लिंक- जिन्हें नाज है हिंद पर , उनके नाम http://www.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_09.html अपनी चिंतनशील वैचारिक अभिव्यक्ति की तीव्रता के लिए ब्लॉगिंग को माध्यम बनाएं : प्रेम जनमेजय http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_10.html मुंह में गाँधी और बगल में देश की बर्बादी http://www.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_7817.html रूपसिंह चन्देल का आलेख ’ आजादी की तीसरी लड़ाई ’. http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_8665.html क्या मैंने ऐसे देश की तो कल्पना नहीं की थी ? http://www.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_10.html Adding Documents in Blogger Post ( ब्लॉगर पोस्ट में डॉक्यूमेंट (doc, ppt, pdf, etc.) जोड़ना सीखें ) http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/05/adding-documents-in- blogger-post-doc.html जो सत्ता में है वह मुस्