8 JULY 2010 बहस तो होती ही रहती है और बहस तो होती ही रहेगी। इस पूरी कवायद में ये हुआ कि अनुराग कश्यप थोड़े उघड़े। निर्देशक, सर्जक के रूप में हमने उन्हें पहले ही अपने वोट उन्हें दे रखे हैं, एक खुले इंसान और दोस्त की तरह हमारे बीच आकर उन्होंने बेतकल्लुफ बातचीत की – इससे उनका एक नया अंतरंग भी हमारे सामने उपस्थित हुआ। अभी उनकी फिल्म उड़ान आने वाली है। जैसा कि इस फिल्म की कहानी के बारे में कहा जा रहा है, ये उस किशोर की कहानी है जो जीवन के बारे में अपने फैसले खुद लेता है। कहा ये भी जा रहा है कि इसकी कहानी अनुराग के अपने जीवन से मिलती-जुलती है। मोहल्ला लाइव के पास अपने माता-पिता के नाम अनुराग की लिखी चिट्ठी हाथ लगी है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन की दिशा को लेकर परिजनों को स्पष्ट संकेत दिया था। यह चिट्ठी अनुराग ने 1993 में लिखी थी : मॉडरेटर चिट्ठी की एक कतरन हाल में एक एड फिल्म की शूटिंग के दौरान आदरणीय पापा एवं मम्मी जी, सादर प्रणाम, मैं यहां कुशलता से हूं और आशा करता हूं कि आप मेरे लिए ज़्यादा चिंतित नहीं होंगे। मैंने अपना कार्य शुरू कर दिया है। अपने भविष्य