बिहारी अस्मिता का लालू'राग' बिहार के नेता इन दिनों बड़े चिंतित हो रहे हैं. उनकी चिंता है कि महाराष्ट्र में गुण्डाराज स्थापित हो गया है. इस गुंडाराज के खिलाफ केन्द्र और राज्य की कांग्रेस सरकार कड़े कदम उठाने में विफल रही है. इसके विरोध में बिहार के अराजक युग के शिल्पकार लालू प्रसाद यादव ने सभी जनप्रतिनिधियों से अपना इस्तीफा देने का आह्वन किया है. लालू की ओर कोरी बिहारी अस्मिता की कवायद में वे भारी न पड़ जाएं इसलिए जद यू के पांच सांसदों ने अपने इस्तीफे लोकसभा महासचिव को सौंप भी दिये हैं. जिसमें प्रभुनाथ िसंह और जार्ज फर्नांडीज भी शामिल हैं.राजनीति में इस तरह ढकोसले होते ही रहते हैं. सवाल तो यह है कि क्या बिहार के सांसदों में सचमुच इतना नैतिक बल है कि वे महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर सवाल पूछ सकें? यदि कानून और न्याय व्यवस्था के मापदण्ड पर कोई निष्पक्ष निर्णय लिया जाए तो बिहार में राष्ट्रपति शासन या मार्शल ला के अलावा कोई तीसरा विकल्प शेष ही नहीं रह जाता. महाराष्ट्र में अगर गुण्डाराज का प्रभाव छटांकभर है तो बिहार में पसेरी और मन के बटखरे के बिना तौल संभव ही नहीं है. पहले यह देख