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Showing posts from June 26, 2009

लो क सं घ र्ष !: संघी कारसेवको से कांग्रेस को बचाएँ राहुल

दो दशक पश्चात उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का बनवास समाप्ति की पि अल पुनिया को मिली ऐतेहासिक जीता । में भाजपा वोट बैंक-मुस्लिम, दलित व ब्राहमण को कदम एक बार फिर उसकी और मुड रहे है । कांग्रेसी अपनी इस सफलता पर फूले नही समां रहे है ,परन्तु साथ ही आर.एस.एस नाम का एक घटक वायरस दबे पाँव कांग्रेस को स्वस्थ होते शरीर में दोबारा पेवस्त हो रहा है , यदि कांग्रेस हाईकमान समय से न जागा और केवल सत्ता प्राप्ति को नशे में चूर आँखें बंद करके ऐसे तत्वों को पार्टी में दाखिले पर रोक न लगे तो कांग्रेस का हश्र वाही होगा जैसा की नब्बे को दशक में हुआ था की न राम मिला न रहीम और अंत में ब्याज को रूप में दरिद्र नारायण भी उससे रूठ गए। 15 वी लोकसभा चुनाव में जहाँ कांग्रेस को पूरे देश में अद्वितीय सफलता हाथ लगी है , तो वही देश की राजनीति का makka कहे जाने वाले prant उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने दो दशक उपरांत अपने अच्छे दिनों की वापसी को संकेत भी दे दिए है। उसने 21 सीटें प्राप्त करके समाजवादी पार्टी को बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को रूप में अपना स्थान बनाया है । जबकि प्रधानमन्त्री का सपना अपनी आँखों में संजोये सुश्री मा

लो क सं घ र्ष !: जलते है स्वप्न हमारे...

वक्र - पंक्ति में कुंद कलि किसलय के अवगुण्ठन में। तृष्णा में शुक है आकुल, ज्यों राधा नन्दन वन में॥ उज्जवल जलकुम्भी की शुचि, पंखुडियां श्वेत निराली। हो अधर विचुम्बित आभा, जल अरुण समाहित लाली॥ विम्बित नीरज गरिमा से मंडित कपोल तुम्हारे। नीख ज्वाला में उनकी , जलते है स्वप्न हमारे॥ -डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल 'राही'

आज की सबसे बड़ी समस्या .....

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ष 2050 तक ग्लेशियरों के पिघलने से भारत, चीन, पाकिस्तान और अन्य एशियाई देशों में आबादी का वह निर्धन तबका प्रभावित होगा जो प्रमुख एवं सहायक नदियों पर निर्भर है। ग्लोबल वार्मिंग आज पुरे विश्व की प्रमुख समस्या बन चुकी है । यह किसी एक देश से सम्बंधित न होकर वैश्विक समस्या है , जिसकी चपेट में लगभग सारे देश आने वाले है । भारतीयों के लिए गंगा एक पवित्र नदी है और उसे लोग जीवनदायिनी मानते हैं। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि नदियों में परिवर्तन और उन पर आजीविका के लिए निर्भरता का असर अर्थव्यवस्था, संस्कृति और भौगोलिक प्रभाव पर पड़ सकता है। गंगा तब जीवनदायिनी नही रह पायेगी । बाढ़ और सूखे का प्रकोप बढ़ जाएगा । जर्मनी के बॉन में जारी रिपोर्ट Searh of Shelter : Mapping the Effects of Climate Change on Human Mitigation and Displacement में कहा गया है कि ग्लेशियरों का पिघलना जारी है और इसके कारण पहले बाढ़ आएगी और फिर लंबे समय तक पानी की आपूर्ति घट जाएगी। निश्चित रूप से इससे एशिया में सिंचित कृषि भूमि का बड़