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Showing posts from January 31, 2010

लो क सं घ र्ष !: भाई ! गाँधी की हत्या कितनी बार करोगे ?

source:google महान सेनानी मोहनदास करमचंद गाँधी की हत्या आजादी के बाद ब्रिटिश साम्राज्यवाद के पिट्ठू हिंदुत्ववादी शक्तियों ने कर दी थी। अब उन्ही शक्तियों को गाँधी की सूरत गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी में दिख रही है। गाँधी जी ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ हुए शांति पूर्ण युद्ध के अद्भुद महानायक थे। गाँधी से हम सहमत हों या न हों यह दूसरी बात है लेकिन गाँधी धर्म निरपेक्षता को बनाये रखने के भी महान सेनानी भी थे। भारतीय संघ को धार्मिक रूप से एक रखने की अदभुद क्षमता थी। अंग्रेजो ने हिन्दू-मुसलमान का जो बीज अपने फायदे के लिए बोया था। गाँधी जी जबतक जिन्दा थे उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगा कर उस बीज को पेड़ नहीं बनने दिया। गोडसे प्रतीक ने गाँधी का वध किया था। आज उनके अनुयायीओं को नरेंद्र मोदी में गाँधी की तस्वीर दिखती है। मोदी जी ने गुजरात के अन्दर मुस्लिम अल्पसंख्यकों का नरसंहार कराया था आज उसी व्यक्ति में अगर गाँधी की तस्वीर दिखती है तो भी वह गाँधी की दूसरी हत्या है। गाँधी जी के तथाकथित उत्तराधिकारी अमेरिकन साम्राज्यवाद की सेवा में लगे हुए हैं। साम्राज्यवाद का मुख्य दुश्मन महात्मा ग

जरा socho sallu

अभी सलमान खान को टीवी पर बोलते सुना कि फिल्म समीक्षकों को क्या मालूम कुछ भी लिखते रहते है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरी फिल्म को रेटिंग से फर्क नहीं पड़ता। जिनको वीर देखनी है वे जरुर आयेंगे। मैं कहना चाहता हु कि देश के अखबारों में समीक्षा करने वाले वही लोग है जिन्होंने आपकी वांटेड को सुपरहिट करार दिया था। इन्ही लोगो ने लन्दन ड्रीम्स पिटने के बावजूद आपका काम सराहा था। रही बात दर्शको की समीक्षा पर विश्वास करने की तो एक बात और सुन ले सल्लू भाई कि जय प्रकाश चोकसे, तरन आदर्श, कोमल नाहटा की कलम पर लोग भरोसा करते है। आजकल आप लोग मनोरंजन के नाम पर क्या परोसते है, sabko मालूम है। वीर के पिटने kee के kaarno के bare में aapko sochna hoga। एक piriyad movie tab safal hoti है jab दर्शको को ye ahsas ho कि वे vaakai में prachin kaal में pahuch gaye है। us sammohan को आपकी जरा si galti tartar kar deti है। वीर में भी aisa hi hua है। आपकी फिल्म १९२० से shuru hoti है और flashback में १८६८ में jaa pahuchti है। iska kul 52 saal ka samya hota hai. is vakt me veer ka beta keval 25 saal ka dikhaya gaya hai. aise

आदमीं बन जाओ…

भारत माता ने अपने घर में जन-कल्याण का जानदार आँगन बनाया. उसमें शिक्षा की शीतल हवा, स्वास्थ्य का निर्मल नीर, निर्भरता की उर्वर मिट्टी, उन्नति का आकाश, दृढ़ता के पर्वत, आस्था की सलिला, उदारता का समुद्र तथा आत्मीयता की अग्नि का स्पर्श पाकर जीवन के पौधे में प्रेम के पुष्प महक रहे थे. सिर पर सफ़ेद टोपी लगाये एक बच्चा आया, रंग-बिरंगे पुष्प देखकर ललचाया. पुष्प पर सत्ता की तितली बैठी देखकर उसका मन ललचाया, तितली को पकड़ने के लिए हाथ बढाया, तितली उड़ गयी. बच्चा तितली के पीछे दौड़ा, गिरा, रोते हुए रह गया खडा. कुछ देर बाद भगवा वस्त्रधारी दूसरा बच्चा खाकी पैंटवाले मित्र के साथ आया. सरोवर में खिला कमल का पुष्प उसके मन को भाया, मन ललचाया, बिना सोचे कदम बढाया, किनारे लगी काई पर पैर फिसला, गिरा, भीगा और सिर झुकाए वापिस लौट गया. तभी चक्र घुमाता तीसरा बच्चा अनुशासन को तोड़ता, शोर मचाता घर में घुसा और हाथ में हँसिया-हथौडा थामे चौथा बच्चा उससे जा भिड़ा. दोनों टकराए, गिरे, कांटें चुभे और वे चोटें सहलाते सिसकने लगे. हाथी की तरह मोटे, अक्ल के छोटे, कुछ बच्चे एक साथ धमाल मचाते आए, औरों की अनदेखी क