1. ईरान क्यों? -क्योंकि ईरान परमाणु बम बना रहा है; -क्योंकि ईरान में इस्लामिक कट्टरपंथ मौजूद है; -क्योंकि ईरान इजरायल पर हमला कर सकता है; -क्योंकि खुद जाॅर्ज बुष उसे शैतान की धुरी का हिस्सा घोषित कर चुके हैं, वगैरह.... कुछ इसी तरह के जवाबों से अमेरिकी और अमेरिकापरस्त लोग सच्चाई पर नकाब चढ़ाने की कोषिष करते हैं। अमेरिका की ईरान पर होने वाली इस खास नज़रे-इनायत को समझने के लिए पष्चिम एषिया की भौगोलिक, आर्थिक स्थितियों और उससे जुड़ी राजनीति को समझना और वहाँ के हालिया घटनाक्रम पर एक नजर डालनी जरूरी है। दुनिया से शैतानियत का खात्मा करने का संकल्प लेने वाले तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जाॅर्ज बुष ने शैतानियत की धुरी (एक्सिस आॅफ इविल) के तौर पर जिन देषों की पहचान की थी, उनमें से इराक को उसकी सारी बेगुनाही के सबूतों के बावजूद लाषों से पाट दिया गया। दूसरा है उत्तरी कोरिया, जिसने अमेरिकी मंषाओं को समझकर अपने आपको एक परमाणु ताकत बना लिया है। आकार और ताकत के मानकों से देखा जाए तो अमेरिका और उत्तरी कोरिया की तुलना शेर और बिल्ली के रूपक से की जा सकती है। लेकिन अब शेर को बिल्ली पर हाथ डालने से पहल