कहा  जाता है कि हर  सिद्धान्त का एक अपवाद हुआ करता है।  सिद्धान्त है - इस युग का हर वह  व्यक्ति ईमानदार है जिसको बेईमानी का मौका नहीं मिलता, लेकिन एक नाम अपवाद  है जो है अकील ज़फर।  कहते हैं -                   काजल की कोठरी में कैसो हू सयानो जाए।                   एक  लीक काजल की लगि है सो लागि है॥      कहा जाता है कि अपने देश के हर सरकारी विभाग में  भ्रष्टाचार ही फल-फूल रहा है लेकिन स्टाम्प और पंजीयन विभाग नीचे से लेकर  ऊपर तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ विभाग है।  विक्रय विलेख का पंजीयन हो या  फिर मामूली से वसीयत नामे का, बिना चढ़ावा के कोई भी पंजीयन सम्भव नहीं हैं,  यह एक आम राय बन चुकी है।                                     माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष महानिरीक्षक पंजीयन हिमांशु  कुमार ने उपस्थित होकर बताया कि अकील ज़फर उनके विभाग का अकेला अधिकारी  (अतिरिक्त महानिरीक्षक, स्टाम्प) ही ईमानदार व्यक्ति है, जिसका समर्थन के  दूसरे अधिकारी श्री ए0के0 द्विवेदी ने भी किया, फिर इस बयान पर हंगामा  क्यों?  अधिकारियों की समिति ने और विशेष करके समिति के अध्यक्ष श्री ओ0पी0  सिंह ने यह...