मैं संग हूँ तो मुझे ठोकर लगाओ इसी बहाने ही सही जरा छू के जाओ .... जो भी हूँ तुम्हारे सामने ही हूँ मैं हो इरादा गर तो मुझको भी आजमाओ .... क्यूँ कहते हो के कुछ सूझता नहीं आईने से जमी हुई ये गर्द तो हटाओ .... फिर बिछुड़ के हम मिले या ना मिले एक बार यूँ ही गले से तो लगाओ .... "राज" दिल का दर्द आंसुओ में न निकले हर घडी बस मुस्कराओ और मुस्कराओ आगे पढ़ें के आगे यहाँ