केन्द्र में शासन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में लोकतांत्रिक संगठन का है। भारतीय जनता पार्टी प्रमुख विपक्षी दल है और उसका काम केवल विपक्ष की भूमिका अदा करना और अपने संगठन के सदस्यों को परामर्श देना और आवश्यकता पड़े तो विप जारी करना है। हां, गोधरा काण्ड के बाद गुजरात में जो कुछ हुआ उस पर भाजपा को मुखर होना था लेकिन वह न तो नरेन्द्र मोदी के पक्ष में और न ही विपक्ष में बोली, जबकि नरेन्द्र मोदी भाजपा के थे। अगर कोई कुछ बोला तो दबे स्वर में तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी बोले और वह स्वर इतना दबा हुआ था कि भीड़ में खोकर रह गया। श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस समय केवल इतना कहा था कि तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री को राजधर्म का पालन करना चाहिए। राजधर्म का पालन करने का परामर्श श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसलिए दिया था कि उनको पता है कि भारत एक धर्म-निरपेक्ष लोकतंत्र में विश्वास रखता है और इस देश में हिन्दु-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई सब को (कुछ क्षेत्रों में छोड़कर) तमाम अधिकार प्राप्त हैं। कुछ क्षेत्रों को छोड़कर, की समीक्षा इस समय नहीं कर रहा हूं क्योंकि