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Showing posts from April 2, 2009

भारत के संविधान की प्रस्तावना......और हम.....!!

Thursday, April 2, 2009 भारत के संविधान की प्रस्तावना.....और हम....!! भारत के संविधान की प्रस्तावना " हम भारतवासी , गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक , लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए ------- न्याय -- सामाजिक , आर्थिक , तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता -- विचार , अभिव्यक्ति , विश्वास , आस्था , पूजा पद्दति अपनाने की ; समानता -- स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की ; बंधुत्व -- व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान - सभा में , इस संविधान को अंगीकृत , पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।" देश के सारे बंधू - बांधवों ..........!! हमारे सर के एन ऊपर चुनाव है ..... और हमारे चार

सोलर तूफ़ान ....

वैज्ञानिकों के अनुसार निकट भविष्य में धरती पर सौर तूफ़ान आने की संभावना है । जब हम साधारण तूफ़ान और सुनामी से नही निपट सकते तो सोचिये इस महा विपदा से कैसे निपट पायेगे । सोलर रेडिएशन तूफान के दौरान सूरज चार्ज्ड पार्टिकल्स की भारी बारिश करता है। यह बारिश सैटलाइटों को तो बेकार कर ही सकती है। अगर स्पेस में मौजूद इंसानों की सुरक्षा पुख्ता न हो तो उन्हें भी नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे तूफान की भविष्यवाणी भी बहुत मुश्किल है। हर 11 साल पर सौर गतिविधियां तेज होने लगती हैं। ऐसा अगला सक्रिय दौर 2012 में होने की उम्मीद है। 1859 में सबसे बड़ा सोलर तूफान आया था। तब टेलीग्राफ के तार जलने लगे थे। अमेरिका और यूरोप में आग लगने की कई घटनाएं भी हुई थीं। आज जब पूरी पृथ्वी ही वायर और वायरलेस उपकरणों से ढकी हुई है, ऐसे में भयानक नुकसान की कल्पना ही कंपकंपाने के लिए काफी है। सोचने पर भी डर लगता है ।

o ma tu kitni pyari hai

ओ माँ तू मुझे बड़ी लगती है प्यारी तुझपे कर दू अर्पण यह जीवन सारी फिर भी कैसे उतरेगा ओ माँ मेरा ऋण तुम्हारी !! छोटा सा बिज बनकर तेरे गर्भ में आया मैं.. बनके तेरा अंश तेरे जिन्दगी में जगह पाया मैं !! उष बिज से बना टेसू , टेसू से पौधा बनाया नित दिन अपने दूध रूपी खून पिला कर हमें हरा भरा पेड़ बनाया बक्शी मुझे यह जहा तुमने उपहार में... तेरी हार होती हमारे हर हार में..... ओ माँ तू है कितनी अच्छी कितनी प्यारी... जिसपे वार दू यह दुनिया सारी....फिर भी रहेगा कर्ज हमेशा मुझपे ओ मैं तुम्हारी !! आँखे जो खोली तो खुद को तेरे गोद में पाया !! दर्द हुआ मुझे और तेरे आँखों में दर्द उतर आया !! ओ माँ तुम हों कितनी अच्छी क्यू तुम में भरी है खुबिया सारी.. अपनी ममता भरी छाव से भर देती हो हमारे जिन्दगी में रंग हसने लगती है जिन्दगी की हर सुखी डाली ऐसी होती है माँ हमारी ना होती थी कोई चिंता और ना ही होती थी...कोई फिकर.... तेरे ममता के साये में हम होते थे...बे फिकर.... फिर आज क्यू तू खुद को महफूज नहीं मानती है... तुने तो हमेशा हमें अपने शरीर का अंग समझा... फिर तेरी खुद की संतान ही तुम्हे क्

ये बाबा किनाराम की तपोभूमि चन्‍दौली है

ये बाबा किनाराम की तपोभूमि चन्‍दौली है,राष्टीय राजमार्ग सं0 2 से जब हम बिहार प्रान्ति से उ0प्र0 की सीमा मे प्रवेश करते है तो पहला जिला चन्दौली ही पडता है ,धूल उडाती उबड खाबड सडके ,बिजली पानी जैसी मुलभूत सुबिधाओ के लिए तरसते लोग,नक्सल की समस्या से जुझता जिला,बेरोजगारो की फौज, उघोग-धन्धो का अभाव,चिकित्सा, शिक्षा रोजगार के लिए पलायन करते लोग ,मॉग से अधिक मजदुरो की आपूर्ति ,गरीबी के बिभिन्न रूप, जातिबाद का जहर,यही सब इस जनपद की पहचान है इसकी दशा पर कभी भोला नाथ गहमरी ने संसद मे कहा था यहॉ के लोग गोबर मे से अन्न निकाल कर खाते हैं,जिसको सुनकर तत्कालीन प्रधान मंत्री नेहरू की भी ऑखे भर आयी थी,उन्होने पटेल कमीशन का गठन करवाया था ,लेकिन अपने सही अर्थो मे यह कभी लागू नही हो पाया ,मेरे होश सम्भkलने तक गॉवो मे कुछ ऐसी ही स्थिति थी, केवल धान की फसल होती थी वह भी कभी बाढ कभी सूखे का शिकार हो जाती थी, पं0 कमला पति त्रिपाठी विकास पुरूष के रूप मे इस धरती के लिए वरदान सिद्ध हुये अधिकॉश लोगो के भोजन की समस्याे का उन्होकने अपने प्रयासो से समाधान किया,सांसद तो यहॉ बाबू टी0एन0सिह भी हुये और आज तक होते ही आ

कौन बनेगा 'वीक' प्रधानमंत्री

प्रभात शुंगलू लाल कृष्ण आडवाणी कहते हैं मनमोहन सिंह वीक प्राइम मिनिस्टर हैं। यूपीए की सत्ता का रिमोट कंट्रोल पांच साल 10 जनपथ यानी सोनिया गांधी के पास था। मान लिया। लेकिन आडवाणी जी वरुण के मामले पर आप क्यों चुप बैठे हैं। वरुण के जहरीले भाषण के बाद एक बार भी बयानों को कंडेम नहीं किया। एक बार भी उनकी तरफ से ये बयान नहीं आया कि पार्टी ऐसे लोगों से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती। एक बार भी पार्टी को नहीं कहा कि वरुण के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये। अटल जी के रिटायरमेंट के बाद पार्टी में आप सबसे वरिष्ठ हैं, प्रधानमंत्री पद के दावेदार भी हैं। तो एक बार भी ये कहने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाये कि वरुण को टिकट देकर गलती हुयी। एक बार भी वरुण से ये नहीं कहा कि जनता से अपनी गलती की माफी मांगे। एक बार भी वरुण को नहीं समझाया कि... आगे पढ़ें के आगे यहाँ

देखिये ये चुनाव है.....

सारांश यहाँ .चुनावी..बिगुल बज चुका है......चारों तरफ़ युध्घोश हो रहे है ..इसी के साथ ही कुछ नेता गिरगिट की भाँती रंग बदलने लगे है तो कुछ ने अपना चोगा .उतार फेंका है..!कुछ हिन्दुओं को तो कुछ मुसलमानों को गालियाँ निकाल रहे है....!कुछ जातिवाद को भुनाने में लगे है तो कुछ हमेशा की तरह गरीबों का वोट हथियाना चाहते है....!सब नेताओं ने तरह तरह के मुखोटे पहन लिए है....!वे मेंढक की तरह एक से दूसरी पार्टी में फुदक रहे है....अचानक ही वे हमारे .हमदर्द बन गए है....उन्हें हर हाल में हमारा वोट चाहिए...!इस चुनावी .नदी...को पार करने के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते है...!हम सब ये देख कर भले ही हैरान हो लेकिन वे इस खेल के पुराने खिलाडी है....ये उनका पेशा है..!अब हमे चाहिए की हम उनकी बातों में ना आए...!चुनाव आते ही ये जहर उगलने वाले नेता बाद में फ़िर एक हो जायेंगे...इसलिए इनकी बातों में ना आना दोस्तों ...ये तो गरजने वाले बादल है जो बिन बरसे ही गुज़र जायेंगे..... आगे पढ़ें .......