Skip to main content

Posts

Showing posts from December 22, 2010

बिग बी को पसंद नहीं तेंदुलकर की ब्रेडमैन से तुलना

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की तुलना ऑस्ट्रेलियाई महान बल्लेबाज डॉन ब्रेडमैन से करना उचित नहीं लग रहा। उन्होंने कहा है कि जब तक हम अपनी उपलब्धियों पर गर्व करना नहीं सीखेंगे, तब तक दूसरे हमारा सम्मान नहीं करेंगे।   बिग बी ने अपने ब्लॉग में दोनों खिलाड़ियों की तुलना करने वालों पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने लिखा, ‘अक्सर यह बहस होती है कि सचिन महान हैं या डॉन ब्रेडमैन? यह तय है कि सचिन महानतम हैं। यह बहस करके कि सचिन वास्तव में महान हैं या नहीं? आप उनकी उपलब्धि को कम कर रहे हैं। मुझे इस पर एतराज है।’   उन्होंने लिखा है, ‘कौन महान है या और कौन नहीं, इसकी सहमति बनाने वाला मीडिया कौन होता है? हम जानते हैं कि सचिन महान हैं और यहीं पर मामला खत्म होता है। मेरी सबसे गुजारिश है कि सचिन की तुलना दूसरों से करके उनके कद को कम न करें। दूसरों को उनसे तुलना करने दें।’   अमिताभ ने कहा, ‘हम क्यों हमेशा अपनी उपलब्धियों की तुलना पश्चिमी देशों से करते हैं। मैं मानता हूं कि वे हमसे ज्यादा विकसित हैं, भौतिक रूप से समृद्ध हैं, तकनीकी तौर पर ज्यादा कुशल और
गुर्जर फिर ट्रेक पर सरकार बेट्रेक हुई राजस्थान में आरक्षण की मनाग को गुर्जर फिर से रेलवे ट्रेक पर आ गये हें राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा जारी गुर्जरों के आरक्षण के अध्यादेश को ख़ारिज करते हुए एक वर्ष में गुर्जरों की स्थिति की समीक्षा रिपोर्ट सरकार को तय्यार करने के लियें कहा हे , गुर्जर नेताओं का कहना हे के सरकार ने उन्हें छला हे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डेढ़ माह से उन्हें मिलने तक का वक्त नहीं दिया हे , बात सही हे हमारे राजस्थान के मुख्यमंत्री हें कोई एरे गेरे थोड़ी हे जो किसी भी पीड़ित या शिकायत करता से इतनी जल्दी मिल लेंगे उन्हें दिल्ली और चापलूसों से फुर्सत मिलेगी तब ही तो वोह समस्याओं के मामले में लोगों से बातचीत के लियें मिलेंगे गुर्जर ही नहीं कोटा के वकीलों के साथ भी उनका यही वायदा खिलाफी का व्यवहार रहा हे कई मामलों में कलेक्टर और पुलिस मुख्यमत्री जी और इनकी सरकार के मंत्रियों को सावचेत करती हे के इस मामले को बातचीत से हल कर लो लेकिन सरकार की लेटलतीफी और सरकार की हठधर्मिता के कारण नतीजा हडताल और अराजकता होती हे फिर जनता को परेशानी के बाद बात चीत होती ह