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Showing posts from July 16, 2009

कोयल की मीठी बोली ..

कोयल कू कू करती है॥ बच्चो का मन भरती है॥ इसकी प्यारी बोली है ॥ लगाती कितनी भोली है॥ इसकी गीत बड़ी मतवाली ॥ सब के मन को भने वाली॥ प्यार का गीत सुनाने वाली॥ मन को बहुत लुभाने वाली॥ प्रात : होते उठ कहती बच्चो ॥ उठो सबेरा आया है॥ चन्दा मामा चले है घर को॥ रवि किरण फैलाया है॥ ये प्यारी गीत सुनाती है॥ प्रेम का पाठ paDhati है॥ ऐसे बच्चो एक दिन जग में । नाम अमर कर जाओ गे॥ छोडे सपने जो बापू थे ॥ पूरा करके दिखाओ गे॥ मीठी इसकी बोली है॥ लगाती कितनी सोनीहै॥ प्यारी गीत सुनाती है ,, सब का मन बहलाती है॥ कोयल कू कू करती है॥ बच्चो का मन भरती है॥

क्या स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहे रियलिटी शो "सच का सामना" से घरों में विवाद छिड़ेगा?

ओमप्रकाश क्या स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहे रियलिटी शो "सच का सामना" से घरों में विवाद छिड़ेगा? प्रोग्राम में पार्टिसिपेंट से उनकी पास्ट लाइफ के बारे बहुत निजी और कंट्रोवर्सियल सवाल पूछे जा रहे हैं जैसे एक लेडी से पूछा (१५जुलाइ ०९) अगर आपके हसबैंड को पता न चले तो क्या आप दुसरे मर्द के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना चाहेंगी?लेडी ने जवाब दिया "नहीं" जबकि पालीग्राफ मशीन के सामने लेडी का जवाब "हां" दर्ज है.एक आदमी से सवाल पूछा गया "क्या आपके दिल मैं कभी अपनी साली से जिस्मानी रिश्ते बनाने की ख्वाहिश होती है?उसने जवाब दिया "नहीं" मशीन कहती है "हां". गेम में पार्टिसिपेट करने के बाद घर वापसी में उनके रिश्तों में ज़बरदस्त तल्खी आना स्वाभाविक है और घरों में बवाल शुरू होगा. ऊपर से माडर्न दिखना एक बात है लेकिन निजी ज़िन्दगी में पराये मर्द या लेडीज़ से क्लोज़ रिलेशन बनाने की इजाज़त देना या इसे स्वीकार करना हमारे इंडियन कल्चर में नामुमकिन बात है. आगे पढ़ें के आगे यहाँ

शर्म शर्म शर्म शर्म शर्म .........

- आवेश तिवारी ( ये पोस्टिंग आप मेरे ब्लॉग http://katrane.blogspot.com/2009/07/blog-post_15.html पर पढ़ सकते हैं , इसके अलावा ये पोस्टिंग चोरी करके एवं कुछ शब्दों को जोड़कर http://burabhala.blogspot.com/2009/07/blog-post_4808.html?showComment=1247730680206#c5821272372155473823 पर भी प्रस्तुत की गई है , समय मिले तो ये शर्मनाक हरकत भी देखें } क्या आप कभी किसी गैर पुरुष के साथ सोयी हैं ? क्या आपने कभी अपनी बेटी की उम्र की लड़की के साथ सम्भोग किया है ? क्या आपने अपने कभी अपने पिता को थप्पड़ मारा है ? क्या ये सवाल आपके मनोरंजन की वजह हो सकते हैं ? क्या आपको एक करोंड़ रूपए दिए जाएँ तो आप टीवी पर सबके सामने नंगे हो सकते हैं ? अगर नहीं हो सकते हैं तो या तो आप निरा गंवार हैं या फिर आप मनोरंजन का मतलब नहीं समझते , शायद यही सन्देश दे रहा है स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहा धारावाहिक ' सच का सामना ' | आम आदमी की विवशता और उसके रुदन पर थोड़े से पै

क्या इतनी मै बुरी हूँ॥

लटके पड़े हुए हो॥ क्यो करते रहे इशारा॥ जब पल्लू को मैंने फेका..क्यो कर गए किनारा॥ क्या इतनी मै बुरी हूँ॥ नो नाट नही॥ पल्लू में मेरा दिल था॥ लायी थी छुपा के॥ मम्मी खड़ी थी सामने ..आई दुबक के मै ॥ जब पकडा तुम्हारा दामन..क्यो निकले सटक के॥ क्या इतनी मै बुरी हूँ॥ नो नाट नही॥ मम्मी की मार झेली ॥ पापा की डांटझेली॥ गली गली में चर्चा है..चुटकी लेती सहेली॥ मै आई तुम्हारे डर पे..क्यो सैट के नही खड़े हो॥ क्या इतनी मै बुरी हूँ॥ नो नाट नही॥