दूसरे विश्वयुद्ध के बाद हालात और खराब हुए। बटिस्टा ने क्यूबा को अमेरिका  से निकाले गए अपराधियों की पनाहगाह बना दिया। बदले में अमेरिकी माफिया ने  बटिस्टा को अपने मुनाफों में हिस्सेदारी और भरपूर ऐय्याशियाँ मुहैया कराईं।  उस दौर में क्यूबा का नाम वेश्यावृत्ति, कत्ले आम, और नशीली दवाओं के  कारोबार के लिए इतना कुख्यात हो चुका था कि 22 दिसंबर 1946 को हवाना के  होटल में कुख्यात हवाना कांफ्रेंस हुई जिसमें अमेरिका के अंडर वल्र्ड  के  सभी सरगनाओं ने भागीदारी की। यह सिलसिला बेरोक-टोक चलता रहा।    1955  में बटिस्टा ने ऐलान किया कि क्यूबा किसी को भी जुआघर खोलने की इजाजत दे  सकता है बशर्ते कि वह व्यक्ति या कंपनी क्यूबा में होटल उद्योग में 10 लाख  अमेरिकी डालर का या नाइट क्लब में 20 लाख डाॅलर का निवेश करे। इससे अमेरिका  में कैसिनो के धंधे में नियम कानूनों से परेशान कैसिनो मालिकों ने क्यूबा  का रुख किया। जुए के साथ तमाम नये किस्म के अपराध और अपराधी क्यूबा में  दाखिल हुए। अमेरिका के प्रति चापलूस रहने में बटिस्टा का फायदा यह था कि  अपनी निरंकुश सत्ता कायम रखने के लिए उसे अमेरिका से हथियारों की अबाध  आपू...