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Showing posts from April 17, 2009

ग़ज़ल

अपनी तारिख के औराक उलट कर देखो आगे बढ़ना है तो पीछे न पलट कर देखो खूबसूरत सी नज़र आती है दुनिया यु तो देखना है तो निकाब उसका उलट कर देखो अपने इस्लाफ के अक्वाल को भूलो न कभी भूल जाने का अगर खौफ हो, रट कर देखो तजरबा यु भी किसी रोज़ करो जीने का तितलियों औ ज़रा गुल से लिपट कर देखो ऐब पर गैर के पड़ती है तुम्हरी नज़रें अपनी जानिब भी किसी रोज़ पलट कर देखो
सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ

गुप्तकालीन मन्दिर ......

कला और साहित्य के विकास के आधार पर गुप्त काल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण काल कहा जाता है । मन्दिर निर्माण कला का जन्म गुप्त काल में ही हुआ । इन मंदिरों की स्थापना गर्भगृह के साथ हुआ , जिसमे देव मूर्ति की स्थापना की जाती थी । कई गुप्तकालीन मन्दिर प्रसिद्ध है जैसे भुमरा का शिव मन्दिर , तिगवा का विष्णु मन्दिर (जबलपुर ), नाचानाकुथार का पार्वती मन्दिर , देवगढ़ का दशावतार मन्दिर , खोह का मन्दिर , भितार्गाँव का मन्दिर , सिरपुर का लक्षमण मन्दिर , लाड्खान का मन्दिर , दर्रा का मन्दिर ,उदयगिरी का विष्णु मन्दिर आदि । गुप्तकाल का सबसे बढ़िया मन्दिर झांसी जिले में देवगढ़ का दशावतार मन्दिर है । इसमे गुप्त स्थापत्य कला अपने पूर्ण रूप में मिलती है । दशावतार मन्दिर में बारह मीटर ऊँचा एक शिखर मिलता है , जो मन्दिर स्थापत्य में शिखर का पहला उदाहरण है । इस मन्दिर में चार मंडप है , जबकि अन्य मंदिरों में केवल एक ही मंडप होता था । स्तंभों के मूर्तियों में शेषशायी विष्णु , गजेन्द्र मोक्ष , रामावतार , कृष्णावतार से सम्बंधित दृश्य अंकित किए गए है ।

प्रतिभा पलायन आख़िर क्यों...?

सारांश यहाँ पुराने जमाने में भारत को सोने की चिडिया कहते थे..ये हम सब जानते है...!अंग्रेज भी जानते थे ...पुर्तगाली भी जानते थे तभी वे इतनी दूर तक आ गए...!आज के वतमान भारत को पूरा विशव ज्ञान की चिडिया के रूप में जानने लगा है!समस्त विशव में भारतीयों ने अपने ज्ञान का डंका बजाया है तभी तो हर जगह भारतीय लोग छा..गए है...!अमेरिका में तो राष्ट्रपति ओबामा का आधा स्टाफ ही भारतीय है..!अपने ज्ञान के दम पर भारतीय लोगों ने पूरे संसार में अपनी एक अलग पहचान बनाई है...!लेकिन इसका एक दूसरा पक्ष भी है...!भारत ने इसकी कीमत भी चुकाई है....प्रतिभा पलायन के रूप में...!आज देश की प्रतिभा देश में नहीं बल्कि विदेश में अपना भविष्य देखती है..!देश अपने संसाधन लगा कर एक प्रतिभा को तैयार करता है और वो अपना ज्ञान देती है विदेशों को...!उसके ज्ञान और अनुभव से देश वंचित हो जाता.. है...!आखिर क्यूँ होता है..ऐसे...?जवाब ज्यादा जटिल नहीं है...इसका कारण है ..हमारी व्यवस्था....,लाल फीताशाही..और काम ना करने की आज़ादी..!यहाँ से अच्छा माहोल और पैसा उन्हें विदेशों में आकर्षित करता है....!अब देखिये ना हमारी सरकार गांधी जी की

देखती आँखे बिकता कानून ..

इसे सौभाग्य ही कहिये की एक रईसजादे दोस्त के साथ घुमाने का मौका मिला ओउर हम दोनों सुबह ही सुबह निकल लिए .कुछ दूर जाने के बाद एक लाल बत्ती हुयी और लोग तथा गाडिया रुक गई । तब तक हमारे बगल में एक ट्रक आ के रुक गई, रुकते ही ट्राफिक महोदय का आगमन हुआ। और ट्रक का मोयना करने लगे। उसके बातें दरैवर से बोले की ट्रक बगल में लगा लो, तो द्रैबर ने इशारा किया ओउर ट्रैफिक महोदय उसके पासगए। उसने मुट्ठी बंद करके कुछ रूपये दिया जो मेरा दोस्त कह रहा था की ५०० सौ रूपये थे। इसका मतलब यही हुआ की ट्रक के अंदर क्या था कितने का था क्या हो सकता था। ये भगवान् ही जाने। 2 अब हम लोग आगे निकले और एक झुग्गी की दिशा में चलने लगे जहा गरीबो की बस्तिया थी कुछ दूर जाने के बाद मेरा दोस्त बोला तुम यही रुकेओ हम अभी आ रहे है, मई रूक गया। तो देखा की एक झुग्गी में एक बुधिया थी जो एक थैली लिए थे तब दो लोग आए और उसे ५० रूपये दिया तो बुधिया ने दो थैली दिया जिसमे गांजा था। दोनों आदमी चल दिए और अब हम लोग भी वहा से निकल लिए॥ ३ आगे जाते ही एक और नज़ारा दिखा जो एक आदमी एक औरत का बैग लेके भाग रहा था वर्दी धरी देखे तो पकड़ने के दौडे लेकिन व

पूजा बेदी की पिटाई ..अदनान सामी की बीबी की

मुंबई।। मशहूर सिंगर अदनान सामी की कहानी में किसी जासूसी नॉवेल के सभी ट्विस्ट हैं। इस समय अदनान की अपनी बीवी सबा से तनातनी चल रही है। पता चला है कि गत दिनों सबा ने अदनान के फ्लैट में अदनान और पूजा बेदी को रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोप है कि सबा ने पूजा की पिटाई भी कर दी। इस मामले में तीनों का क्या कहना है आइए देखते हैं- अदनान सामी: पूजा हमारी एक प्रिय पारिवारिक मित्र है। मैं जब पहली बार मुंबई आया था तब से हमारा पारिवारिक नाता है। लेकिन अब सबा का व्यवहार इस तरह का हो गया है कि सब्र की सभी सीमाएं टूट गई हैं। मेरे और पूजा के बीच कुछ भी नहीं है। पर सबा उलटे-सीधे शक करती है। मेरे पिता काफी बीमार हैं। पिछले दिनों वह मेरे घर इसलिए आई कि वह पिता की कुछ देखभाल कर सके और मैं कुछ देर सो सकूं। लेकिन तभी सबा पहुंच गई और मारपीट शुरू कर दी। मैं उसकी और उसके बेटे की हर तरह से देखभाल करता हूं। उसकी इज्जत करता हूं, पर वह न मेरी, न मेरे बेटे की या मेरे बीमार पिता की देखभाल करती है। अब तो मामला मुंबई और दुबई के कोर्ट में ही निपटेगा। मुंबई कोर्ट में 21 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई है। मेरे घर में कब कौन आया, इ

स्कूलों में नहीं दी जानी चाहिए सेक्स शिक्षा

नई दिल्ली. स्कूलों में सेक्स शिक्षा पर एक संसदीय समिति ने आपत्ति जताई है। समिति ने सुझाव दिया है कि इससे संबंधित पाठों को जीवविज्ञान के सिलेबस में प्लस टू से पहले नहीं जोड़ा जाए। राज्यसभा की कमेटी ऑफ पिटीशंस ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि स्कूली बच्चों को साफ संदेश दिया जाना चाहिए कि शादी से पूर्व सेक्स नहीं किया जाना चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू नीत समिति ने कहा कि छात्रों को इस तथ्य के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए कि शादी से पहले सेक्स सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है। समिति के मुताबिक, छात्रों को इस बारे में जागरूक किया जाए कि बाल विवाह अवैध तथा लड़की के स्वास्थ्य के लिहाज से घातक है। उन्हें इस बात की शिक्षा भी दी जानी चाहिए कि 16 वर्ष की उम्र के पहले सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध भी दुष्कर्म के बराबर हैं। स्कूलों में सेक्स शिक्षा पर राष्ट्रीय बहस की मांग करने वाली याचिका पर रिपोर्ट में कहा गया है कि एचआईवी/एड्स के बारे में पाठ जीवविज्ञान के सिलेबस में उच्चतर कक्षाओं में जोड़े जा सकते हैं। आगे पढ़ें के आगे यहाँ

सपनो की तलाश

नींद में सपने तलाशना (?) ठीक है ; आंखों में सपने तलाशना (!) भी ठीक है लेकिन यदि कोई सपनो में सपने तलाशे .............!! तो ..............?? आरती "आस्था "

Loksangharsha: मन नदी तट गावँ

मन नदी तट गावँ मन नदी तट गावँ है तेरे बिना । डूबती सी नाव है तेरे बिना ॥ चल लहर सा पर कही पंहुँचा नही - जिंदगी बस पाँव है तेरे बिना॥ अनगिनत है जाल माया हाथ में - तन मगन मन दाव है तेरे बिना ॥ है अतल तल को उजेरे की ललक- चिल चिलाती छाँव है तेरे विना ॥ डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल 'राही '