कवि का नाम सुनते ही झोला लटकाए और कुरता-पाजामा पहने दाढ़ी वाले एक बेबस और गरीब आदमी की छवि सामने आ जाती है लेकिन 42 वर्षीय युवा कवि कुमार विश्वास पर ये बातें लागू नहीं होतीं. कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है... कविता से युवाओं के दिलों में जगह बनाने वाले कुमार विश्वास इस समय देश के सबसे महंगे कवि हैं. हिंदी, इंग्लिश या किसी भी भाषा का कवि तीन घंटे के कवि सम्मेलन के 4 लाख रु. मांगने की शायद सोच भी नहीं सकता. वे कवि सम्मेलनों में अपनी खुद की टोयोटा इनोवा कार से जाते हैं. वैसे उनके पास टाटा आरिया भी है. वे एपल की मैकबुक इस्तेमाल करते हैं. 2010 में जब अण्णा हजारे के आंदोलन की नींव तैयार हो रही थी, उसी दौरान इस आंदोलन से युवाओं को जोड़ने के लिए कुमार को याद किया गया. और हुआ यह कि आंदोलन के साथ कुमार विश्वास का कद भी बढ़ता गया. 2010 तक वे एक कवि सम्मलेन में भाग लेने के लिए जहां 40,000- 50,000 रु. लिया करते थे, अण्णा आंदोलन के बाद तो उनके भाव आसमान पर जा पहुंचे. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि फेसबुक पर पिछले हफ्ते केंद्र सरकार को लताड़ते हुए नौकरी छोड़ने का ऐला