Skip to main content

Posts

Showing posts from April 2, 2010

लो क सं घ र्ष !: सिगरेट की फिल्टर में सूअर के खून का इस्तेमाल

उद्योगिक उत्पादन में सिगरेट सहित एक सौ पचासी उद्योगिक कार्यो में सूअर का इस्तेमाल होता है कुछ वर्षों पूर्व यह भी समाचार आया था कि चाय की पत्ती को और स्वादिष्ट बनाने के लिए रक्त का इस्तेमाल होता है । कृषि उत्पादन में भी इस तरह की मिलावट जारी है । कद्दू , लौकी , खीरा आदि सब्जियों में भैंस को दूध उतारने वाले इन्जेक्सन का प्रयोग किया जाता है जिससे उनकी लम्बाई , चौड़ाई रातों - रात बढ़ जाती है । इस तरह की सब्जियां मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल स्वभाव डालती हैं । भारतीय समाज का एक बहुत बड़ा हिस्सा अल्कोहोल ( शराब ) से परहेज करता है अब सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए कच्ची शराब का इस्तेमाल किया जाने लगा है । जिससे अल्कोहोल युक्त सब्जियां हम लोग प्रयोग करने लगे हैं । यह पूँजीवाद का संकट है । मुनाफा इनका धर्म है । मानव जाति बचे या न बचे इससे इनका कोई लेना देना नहीं है । मुनाफा होना चाहिए । आज

कहाँ हैं वो औरतें?

गरिमा सर्राफ़ बनारस से हाइवे हिंदुस्तान की यात्रा शुरु किए अब दस दिन गुज़र गए हैं. इस सफ़र में भारत के कई पहलुओं और रंगों को देखा और समझने की कोशिश की है. लेकिन एक सवाल बार-बार मन में उठता रहा कि सड़कें तो विकास का प्रतीक हैं लेकिन क्या उस पर चलने वाले लोग भी विकास की अलग-अलग कहानी बयान नहीं करते? पूरे रास्ते जहाँ मैं सड़क के दोनों ओर की ख़ूबसूरती निहार रही थी, वहीं मन में यह सवाल रह रहकर उठ रहा था कि इन सड़कों पर लड़कियाँ और महिलाएँ क्यों नहीं दिखाई दे रही हैं? एनएच-2 पर वाराणसी से कोलकाता तक के लंबे सफ़र में मुझे ज़्यादातर पुरुष ही नज़र आए - अपनी रोज़ी रोटी जुटाने में लगे हुए, चौराहों पर अड्डेबाज़ी करते हुए या फिर ताश खेलते हुए. जो गिनी चुनी महिलाएँ नज़र आईं वो सर पर घूंघट लिए हुए, पानी के मटके सर पर उठाए या फिर घर की छतों पर काम करती हुई. झरिया पहुँची तो महिलाएँ कोयले की खान से कोयला सर पर ढोती नज़र आईं. उनका पल्लू सर से हट नहीं रहा था. लेकिन वे नंगे पाँव चली जा रही थीं. तपती गर्मी में. लोग बताते हैं कि जब फ़सल के दिन होते है तो खेतों में महिलाएँ दिखाई देती हैं. धान बुआई से लेकर कट

अंतिम तिथि 14 अप्रैल 2010 समीप आ रही है

हिन्दुस्तान का दर्द द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता 2010   में भाग लेने की अंतिम तिथि 14 अप्रैल 2010  समीप आ रही है आप सभी लेखकों एवं  पाठकों से आग्रह है की अपने निबंध अतिशीघ हम तक पहुंचा दें, प्रतियोगिता की शर्तों ,विषय एवं इनामी राशि के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लीक करें   संजय सेन सागर  आगे पढ़ें के आगे यहाँ