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Showing posts from September 25, 2009

श्रीराम चंद्र फ़िर आयेगे॥

दशकंधर का वध कराने॥ श्रीराम चंद्र फ़िर आयेगे॥ अत्याचारी रावन की लंका॥ बजरंगवली जलायेगे॥ अंहकार की बसी भावना॥ अत्याचारी के रग रग में है॥ पाप अधर्म होते है हरदम॥ वैमनुष्यता कण कण में है॥ बंधक बने सही मानव जो॥ उनको मुक्ति दिलाये गे॥

लो क सं घ र्ष !: तोरे पाकिस्तान का का हाल है ?

"काहे भइया , तोरे पकिस्तान का का हाल है ?" "वह तो बन रहा है ।" " काहे न बनिहे , भैय्या , तूँ कहि रइयो तो जरूर बनिये। बाकी ई गंगौली पकिस्तान में जा रहे कि हिंदुस्तान में रइहे ?" "ई तो हिन्दुस्तान में रहेगी । पकिस्तान में तो सूबा सरहद , पंजाब , सिंध और बंगाल होगा ; और कोशिश कर रहे हम लोग की मुस्लिम यूनिवर्सिटी भी पकिस्तान में हो जाए ।" " गंगौली के वास्ते ना न करियो कोशिश ?" "गंगौली का क्या सवाल है ?" "सवाल न है त हम्में पकिस्तान बनने या न बनने से का ?" " एक इस्लामी हुकूमत बन जाएगी ।" " कहीं इस्लामू है कि हुकुमतै बन जहिए । ऐ भाई, बाप-दादा की कबर हियाँ है, चौक इमामबाडा हियाँ है , खेती-बाडी हियाँ है । हम कौनो बुरबक है की तोरे पकिस्तान जिंदाबाद में फंस जाएँ ।" " अंग्रेजो के जाने के बाद यहाँ हिन्दुओं का राज होगा ।" " हाँ-हाँ , त हुए बा । तू त ऐसा हिंदू कही रहियो जैसे हिन्दुवा सब भुआऊँ है कि काट लीहयन । अरे, ठाकुर कुंवरपाल सिंह त हिन्दुवे रहे। झिंगुरिया हिंदू है। ऐ भाई, ओ परसरमुआ हिंदुए न ह

ऐसा होता है॥

भीनी-भीनी खुशबू लेकर॥ सपनो में मेरे संग सोता है॥ १६साल की उम्र में जाने ॥ क्यो दिल में हलचल होता है॥ मन में मेरे बस जाता है.. मै दीप जलाती नाम का उसके॥ दर्द समझता मेरा वह है॥ खुश हो जाती मिलकर जिससे॥ वही मेरा गिरधर गोविन्द है॥ वही मेरा रत्तू तोता है॥ १६साल की उम्र में जाने क्यो॥ ऐसा होता है॥