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Showing posts from November 24, 2009

लो क सं घ र्ष !: बाबरी मस्जिद और लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट

बाबरी मस्जिद के तोड़े जाने के बाद सरकार ने लिब्रहान आयोग की स्थापना की थी। जिसकी रिपोर्ट संसद में पेश नही हुई कि उससे पूर्व मीडिया ने उसको प्रसारित कर दिया जिसको लेकर संसद में जबरदस्त हो हल्ला हंगामा हुआ। सरकार जब महंगाई के मोर्चे पर जबरदस्त तरीके से असफल है तो लोगो का ध्यान हटाने के लिए लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट की लीकेज़ का ड्रामा शुरू कर दिया है । जिससे जनता का ध्यान मूल समस्याओं का ध्यान हटा रहे। लिब्रहान आयोग की आयोग भी स्पष्ट तरीके यह कहती है की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उनके अनुशांगिक संगठनों ने योजनाबद्ध तरीके से बाबरी मस्जिद को तोडा था । केन्द्र सरकार में यदि जरा सा भी नैतिक साहस है तो ऐसे संगठनों के ऊपर प्रतिबन्ध लगा दे जो देश की एकता और अखंडता को क्षति पहुंचाते है । कांग्रेस की धर्म निरपेक्ष सोच बदल चुकी है जिसके चलते फांसीवादी संगठन बढ़ते हैं और देश के अन्दर दंगे फसाद शुरू होते हैं । महाराष्ट्र के अन्दर भी शिव सेना की गतिविधियाँ जारी रखने में समय-समय पर कांग्रेस सरकार का भी संरक्षण रहता है अन्यथा राज ठाकरे बाल ठाकरे जैसे लोग पनप ही नही सकते हैं । लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में

शोकगीत: नाथ मुझे क्यों / किया अनाथ? संजीव 'सलिल'

पूज्य मातुश्री स्व. शांति देवि जी की प्रथम बरसी पर शोकगीत: नाथ मुझे क्यों / किया अनाथ? संजीव 'सलिल' नाथ ! मुझे क्यों किया अनाथ?... * छीन लिया क्यों माँ को तुमने? कितना तुम्हें मनाया हमने? रोग मिटा कर दो निरोग पर- निर्मम उन्हें उठाया तुमने. करुणासागर! दिया न साथ. नाथ ! मुझे क्यों किया अनाथ?... * मैया तो थीं दिव्य-पुनीता. मन रामायण, तन से गीता. कर्तव्यों को निश-दिन पूजा. अग्नि-परीक्षा देती सीता. तुम्हें नवाया निश-दिन माथ. नाथ ! मुझे क्यों किया अनाथ?... * हरी! तुमने क्यों चाही मैया? क्या अब भी खेलोगे कैया? दो-दो मैया साथ तुम्हारे- हाय! डुबा दी क्यों फिर नैया? उत्तर दो मैं जोडूँ हाथ. नाथ ! मुझे क्यों किया अनाथ?... *