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Showing posts from December 20, 2008

मांगी किताबें और मिली गालियाँ

छमाही परीक्षा के बाद भी प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में कई स्कूली बच्चों को किताबें नहीं मिल पाई हैं। इसमें इंदौर सहित संभाग के खरगोन और झाबुआ जिले भी शामिल हैं। 15 अगस्त तक सभी बच्चों को किताबें मिल जाना चाहिए थी लेकिन बीत रहे दिसंबर महीने में भी सैकड़ों बच्चे किताबों से वंचित हैं। नतीजा अर्धवार्षिक के बाद उन्हें बगैर किताबों से वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी करना पड़ेगी। पैदा हुए हालात पर आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र ने लापरवाह जिला परियोजना समन्वयकों को फटकार लगाते हुए उन्हें नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इंदौर सहित प्रदेश के कई जिलों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को लेकर शिक्षाधिकारी बेपरवाह हैं। बच्चों के हाथों में किताबें न पहुंच पाने के सवाल पर ज्यादातर अफसर पहली से आठवीं तक की परीक्षाएं लोकल कर दिए जाने का तर्क देकर मामले को हलके तौर पर ले रहे हैं। नियम के मुताबिक हर बच्चे को सरकार की ओर से मिलने वाली नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण 15 अगस्त तक हो जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिला परियोजना समन्वयक सर्वशिक्षा अभि

कहीं यह प्यार का बुखार तो नहीं!

45 का था और वो 25 की। न उम्र की सीमा थी और न जन्मों का बंधन। हम बात कर रहे हैं पटना के प्रो. मटुकनाथ और उनकी प्रेमिका जूली की, जिन्होंने 40 पार की उम्र के बाद अपनी जिंदगी में इश्क की दूसरी पारी खेली। अमेरिका में हुए एक शोध में सामने आया कि बढ़ती उम्र में इश्क करने वाले की संख्या 10 से 15 फीसदी है। लड़कियां अधेड़ पुरूषों की तरफ आकर्षित होती हैं। इश्क को बीमारी का नाम दिया गया है, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि अपने से दोगुनी उम्र के व्यक्ति से प्यार करना कोई बीमारी है या कुछ और? इस बारे में सिटी रिपोर्टर ने मनोविशेषज्ञों से बातचीत की। यही नहीं बल्कि ऐसी कई फिल्में भी बनी हैं, जिनमें 40 के बाद के इश्क को दिखाया गया है। ये भी हैं उदाहरण : फ्रांस के राष्ट्रपति निकोल्स सरकोजी ने 52 साल की उम्र में अपनी 37 साल की प्रेमिका कार्ला ब्रूनी के साथ शादी की। वहीं 64 साल के बिकनी किलर शोभाराज ने 22 साल की निहिता के साथ शादी रचाई। इस मामले में 65 साल के लेखक सलमान रुश्दी भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने भी अपने से कम उम्र की लड़की पदमा रश्मि के साथ अपने प्यार को परवान चढ़ाया। बढ़ रहा है ट्रेंड : साइकेट्रिस्ट

जिसके कत्ल में काटी उम्रकैद, वह जिंदा था

कत्ल के झूठे केस में पांच बेकसूरों ने उम्रकैद की सजा काटी और सजा के दौरान एक की मौत भी हो गई लेकिन 12 साल जेल में गुजारने के बाद जिस व्यक्ति के कत्ल के इल्जाम में सजा काटी वह जिंदा निकला। इस किस्से को सच कर दिखाया है जगसीर सिंह के परिजनों ने। उन्होंने अपने बेटे जगसीर को मृत साबित कर गांव के ही पांच लोगों को उम्रकैद की सजा करवा दी थी। सालों बाद सच खुला पुलिस ने 1996 में जगसीर सिंह के कत्ल का मामला दर्ज किया था। 12 साल बाद पुलिस ने जगसीर को एक नाके पर काबू किया और सच सामने आया। जगसीर को पकड़ने की सूचना एसएसपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि जगसीर सिंह पुत्र सुखदेव सिंह निवासी गांव टल्लेवाल थाना भरौड (बरनाला) 1996 में गांव में हुए झगड़े के बाद लापता हो गया था। उसके परिजनों ने गांव के ही नछतर सिंह, सीरा सिंह, सुरजीत, निक्का और अमरजीत सिंह पर जगसीर का अपहरण करने का आरोप लगाया था और परिजनों की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ धारा 364 के तहत मामला दर्ज हुआ था। सबसे दिलचस्प पहलू यह था कि जगसीर की गुमशुदगी के कुछ दिन बाद ही उसका शव बरामद करवा दिया गया था। पुलिस ने