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Showing posts from February 21, 2010

लो क सं घ र्ष !: अमेरिकी साम्राज्यवाद-1

अमेरिका के राजनीतिक कलैंडर में राष्ट्पतियों द्वारा स्टेट आँफ यूनियन का संबोधन परंपरागत रूप से बड़े पैमाने पर उत्साह के साथ सुना जाता है। टेलीविजन एवं अन्य माध्यमों से इसका व्यापक प्रचार किया जाता है। इस सम्बोधन में राष्ट्पति अपनी प्राथमिकताएं घोषित करते है। इसमें अन्तराष्ट्रीय मुद्दे प्रधान होते है। इस बार राष्ट्पति बराक ओबामा ने जब 27 जनवरी 2010 को स्टेट्स आँफ यूनियन को संबोधित किया तो वे काफी उत्तेजित दिखें। उन्होने अन्तराष्ट्रीय मुद्दो की चर्चा तक नहीं की। उन्होने अपना जोशीला भाषण घरेलू मुद्दों तक सीमित रखाः ’’मैं अमेरिका के लिये दूसरा स्थान स्वीकार नहीं कर सकता। चाहे जितनी मेहनत करनी पड़ें। चाहे यह जितना भी असुविधाजनक हो, यह समय उन समस्याओं के हल के लियें गंभीर होने का है, जो हमारे विकास में बाधा पैदा करते है।’’ उन्होने भारत, चीन और जर्मनी का नाम लेते हुए कहा कि ये देश किसी का इंतजार किये बगैर आगे बढ़ रहे हैं। इसलिये अमरिका को भी दूनिया में अपना शिखर स्थान कायम रखने के लिये इंतजार किये बगैर आगे बढ़ना होगा। ओबामा अपने संबोधन में नौकरियों की आउटसोर्सिग करने वाली अमेरिकी कंपनियों को चेत

मुक्तक / चौपदे आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'

मुक्तक / चौपदे आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' संजिव्सलिल.ब्लागस्पाट.कॉम / संजिव्सलिल.ब्लॉग.सीओ.इन सलिल.संजीव@जीमेल.com साहित्य की आराधना आनंद ही आनंद है. काव्य-रस की साधना आनंद ही आनंद है. 'सलिल' सा बहते रहो, सच की शिला को फोड़कर. रहे सुन्दर भावना आनंद ही आनंद है. **************************** ll नव शक संवत, आदिशक्ति का, करिए शत-शत वन्दन ll ll श्रम-सीकर का भारत भू को, करिए अर्पित चन्दन ll ll नेह नर्मदा अवगाहन कर, सत-शिव-सुन्दर ध्यायें ll ll सत-चित-आनंद श्वास-श्वास जी, स्वर्ग धरा पर लायें ll **************** दिल को दिल ने जब पुकारा, दिल तड़प कर रह गया. दिल को दिल का था सहारा, दिल न कुछ कह कह गया. दिल ने दिल पर रखा पत्थर, दिल से आँखे फेर लीं- दिल ने दिल से दिल लगाया, दिल्लगी दिल सह गया. ****************************************** कर न बेगाना मुझे तू, रुसवा ख़ुद हो जाएगा. जिस्म में से जाँ गयी तो बाकी क्या रह जाएगा? बन समंदर तभी तो दुनिया को कुछ दे पायेगा- पत्थरों पर 'सलिल' गिरकर व्यर्थ ही बह जाएगा. ***

आई जी का नकाब कौन पहनेगा

चेहरे पर नाकब लगा कर इस्टर्न फ्रंटियर राईफल्स के आईजी ने प्रेस कॉंफ्रेस की दिनेश काण्डपाल चेहरे पर नाकब लगा कर इस्टर्न फ्रंटियर राईफल्स के आईजी ने प्रेस कॉंफ्रेस की। अपनी प्रेस कॉफ्रेंस में आईजी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाये। आईजी ने कहा कि उनकी फोर्स के साथ अमानवीय बर्ताव हो रहा है। इस आईजी का नाम है विनय कृष्ण चक्रवर्ती और ये इस्टर्न फ्रंटियर के स्पेशल आईजी हैं। सिलदा के नक्सली हमले में इस्टर्न फ्रंटियर के ही 24 जवान मारे गये थे। अपनी जवानों की मौत से घबराये और आहत आईजी ने जब प्रेस कॉंफ्रेस की तो चेहरे पर नाकब बांध लिया। फौरी तौर पर ये खबर देखने के बाद लगता है कि आईजी नक्सलियों से डर गया है वो अपना चेहरा कैमरे पर नहीं दिखाना चाहता। लेकिन सोचिये कोलकाता में आईजी रैंक का अफसर प्रेस कॉंफ्रेंस करता है और वो भी चेहरे पर नकाब डाल कर। क्या आईजी का मकसद केवल अपना चेहरा छिपाना है या कई चेहरों से नकाब खींचना। ये तीखा सवाल है। उन आरोपों पर गौर कीजिये जो इस आईजी ने लगाये हैं। आईजीने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार इस्टर्न फ्रंटियर के साथ अमानवीय बर्ताव कर रही है। आईजी ने कहा कि उ