Skip to main content

Posts

Showing posts from February 5, 2009

यादे ................

यादो के सफ़ेद परिंदे .... नीले आकश से है उतरे सफ़ेद परिंदों कि चादर चारो है फैली ... कितनी निर्मल ,कितनी पवित्र , और मन को शांति प्रदान करने वाली , मेरी इन यादो में है बच्चपन बसा , यौवन का है प्रेम प्रसंग छिपा , अपनी स्मृति में दबे ढके , अनेक प्रसंग ले कर यादे आगे बड़ी , नदी ,तालाबो के वोह यादे आ कर रुकी ..खेत खलियानों में ...... मेरी भलाई -बुराई ,उठा पटक .जोड़े -तोड़ , जगहसाई ,रुस्वइयो और कमजोरियों , का कच्चा चिठा है ये यादे , साबुन के बुलबुले समान मेरी ये यादे जैसे डोर संग बंधी पतंग ... वैसे मकड़ जाल सी मेरी मानस पे छाई ये यादे ... कोमल..निर्मल ...स्वछ........सिर्फ और सिर्फ मेरी यादे ............... (.......कृति.....अनु......)
क्यूँ हो गर्व बिहारी होने पर ? * बिहारी होने पर अभिमान करने के अनगिनत कारक हमारे अतीत और वर्तमान से जुड़े हैं । उनका क्षेत्र इतना व्यापक है कि उसे पन्नो में अटा पाना नामुमकिन है, फ़िर भी अपनी यादाश्त और क्षमता के अनुरूप कुछ बातें जो हमारे गर्व करने योग्य हैं ::- =- संस्कृति , धर्म और अध्यात्म का केन्द्र रहा है बिहार :- *भगवान बुद्ध की तपोभूमि *जैन धर्म का कर्मस्थल *जनकसुता माँ सीता की जन्मस्थली *मोक्ष प्राप्ति का तीर्थ गया *विश्व का सबसे बड़ा और प्राचीन योग केन्द्र मुंगेर योगाश्रम *समुद्र मंथन का गवाह बौंसी का मंदार पर्वत *कट्टर मुस्लिम शासक औरंगजेब द्वारा औरंगाबाद में निर्मित सूर्य मन्दिर *.................... =- कला और शिक्षा जगत में बिहार :- *विश्व विख्यात विश्वविद्यालय नालंदा और विक्रमशिला *दुनिया को सर्वप्रथम अर्थ शास्त्र का ज्ञान देने वाले चाणक्य अथवा कौटिल्य की कर्मभूमि *शंकराचार्य को पराजित करने वाली विदुषी भारती *मंडन मिश्र और कालिदास जैसे प्रकांड संस्कृत विद्वान *महान गणितज्ञ आर्यभट्ट * फादर कामिल बुल्के की कर्मभूमि(हजारीबाग) *हिन्दी के प्रथम कवि सरहपा (भागलपुर) *संसार के जा

हिन्दुस्तान ही चाहता है की हमला हो

पाकिस्तान के मुरीदके में स्थित जमात-उद-दावा कैंप को लश्कर-ए-तोएबा का मुख्यालय भी कहा जाता है. इस अभेद्य किले में जाने वाली इकलौती भारतीय पत्रकार हरिंदर बवेजा धर्म और समाजसेवा के मुखौटे के पीछे का चेहरा कुछ ऐसा पाती हैं. आप एक शैक्षणिक परिसर में हैं. मगर आप भारत से हैं और तहलका के लिए काम करती हैं तो आपको अपना नजरिया बदलने में कुछ वक्त लगेगा. हिन्दुस्तान का दर्द आपके सामने ला रहा है एक खुफिया सच जो देश के सत्ताधारी तो जानते है लेकिन वह जनता को बताना नहीं चाहते की जनता किस बारूद के ढेर पर बैठी है,तो हम बताएँगे की आखिर सच क्या है अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो अपनी राय जरुर दें !!! मैं अभी मुरीदके - जिसे सारी दुनिया लश्कर-ए- तो इबा का मुख्यालय मानती है - पहुंची ही थी कि ये बात अब्दुल्ला मुंतजिर (मेर गाइड और विदेशी मीडिया के प्रवक्ता) ने मुझसे कही. शायद ऐसा पहली बार था जब किसी भी भारतीय पत्रकार को लाहौर से 40 किलोमीटर दूर स्थित इस विशाल परिसर में घुसने की इजाजत दी गई थी. इस कांप्लेक्स के बाहर लगे बैरीकेड पर कड़ा पहरा रहता है और पहले से इजाजत लिए बगैर कोई भी इसके भीतर नहीं घुस सकता. भीतर ज

वसंत आ गया

कैसे छिपोगे कैसे छिपापाओगे अपने आने का संदेश तुम्हारी चुलबुली शरारतें इशारा कर देती हैं तुम्हारे आगमन का लाख छिपोगे फिर भी गगन करेगा चुगली भवरे, तितलियाँ और कोपलें करेंगी तुम्हारा स्वागत कैसे छिपोगे कैसे छिपापाओगे रोक पाओगे गाव की पगडंडियों से चली सरिता को रोक पाओगे पीली ओध्रनी में इठलाती हवाओं को कैसे छिपोगे कैसे छिपापाओगे मधुर मिलन की प्यास जो कराएगी तुम्हारा अहसास कैसे छिपोगे कैसे छिपापाओगे रोक पाओगे पत्तियों को चूमती ओस को मुंडेर पर बैठे पंछियों के शोर को जो गुनगुनायेंगे प्रिया के संदेश को हो जाओ सचेत ऋतुराज आ गया ऋतुराज आ गया ऋतुराज आ गया वसंत छा गया दीक्षांत तिवारी हिंदुस्तान, आगरा मीठीमिर्ची .ब्लागस्पाट.कॉम