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Showing posts from May 3, 2012

विवाद : 205 करोड़ की प्रतिभा यात्रा ।

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील की विभिन्न विदेशी यात्राओं पर 205 करोड़ रुपए का खर्च आया। यही नहीं, उन्होंने इस मामले में अपने सभी पूर्ववर्तियों को पीछे छोड़ दिया है। प्रतिभा पाटील जुलाई, 2007 में देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। तब से वह 12 विदेशी यात्रा कर चुकी हैं। वह चार महादेशों में 22 देशों की यात्रा पर गई हैं। उनके कार्यकाल में चार माह बाकी हैं और उनका दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर जाने का कार्यक्रम है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदनों पर मिली जानकारी के अनुसार, पाटील के विदेश दौरे में एयर इंडिया के विमानों के इस्तेमाल पर 169 करोड़ का खर्च आया। उन्होंने यात्रा के लिए अक्सर चार्टर्ड विमान बोइंग 747...400 का इस्तेमाल किया। उनकी यात्राओं में उनके परिवार के सदस्य भी होते थे। भूटान की यात्रा के लिए छोटे जेट का इस्तेमाल किया गया था। विदेश मंत्रालय ने यात्राओं पर 36 करोड़ व्यय किए। खर्च ठहरने, स्थानीय यात्रा, दैनिक भत्ता और अन्य पर किया गया। आरटीआई आवेदन तीन साल में दाखिल किए गए। राष्ट्रपति द्बारा चार्टर्ड विमानों के उपयोग के लिए रक्षा मंत्रालय एयर इंडिया को भुगतान करता है। मंत्रालय

सपनीले जादू की एक सदी ।

सिनेमा का प्रथम प्रदर्शन पेरिस के ग्रैंड कैफे के इंडियन सेलून नामक कक्ष में 28 दिसंबर 1895 को हुआ था। वक्त था रात के ९ बजे। समय, तिथि, स्थान और साल के आधार पर विज्ञानजनित अभिव्यक्ति के इस माध्यम की कुंडली कंप्यूटर की मदद से बनाई जा सकती है, परंतु यह तय है कि सिनेमा की कुंडली में भारत नामक ग्रह सबसे प्रबल रहा, वरना क्या कारण है कि इतने बड़े होटल के अनेक कक्षों में ल्युमियर बंधुओं ने इंडियन सेलून को ही चुना।  भारत में सिनेमा की कुंडली में शुक्र की महादशा हमेशा ही कायम रही है और विगत कुछ वर्षो से दुनिया में सबसे अधिक संख्या में फिल्म हम ही बना रहे हैं। सिनेमा के आविष्कार के समय किसी को कल्पना नहीं थी कि विज्ञानजनित यह माध्यम विज्ञानविहीनता वाले देश में इस कदर लोकप्रिय होगा।  यह अजूबा इसलिए संभव हुआ क्योंकि यह कथा कहने का माध्यम है और भारत कथावाचकों तथा श्रोताओं का अनंत देश है। दूसरी बात यह कि इस देश में कोई परंपरा कभी मरती नहीं। आज टेक्नोलॉजी के युग में भी लावणी, नौटंकी और जात्रा कायम हैं। रंगमंच आज भी आलोकित है।  कथावाचक आज भी पोथी बगल में दबाए घर-घर संतोषी मां और सत्यनारायण