...मारा था जूता " अरुंधती रॉय " को .................... । मैं हूँ युवा का " मीडिया प्रभारी... " १। मुझे नापसंद हैं ये अरुंधती सरीखे लोग जिसे ये नही पता की उनकी पेन और लेखनी बौद्धिकता का परिचयक न होकर ..."pen prostitution " है.... २ मूझे नापसंद हैं या यूँ कहें ..कि "युवा "{ Y outh U nity for V ibrant A ction } को नापसंद हैं वो लोग जो देश हित के खिलाफ लिखते या बोलते हैं।३। उन्हें अधिकार नही है। कहने का कि '"काश्मीर" को पाकिस्तान को दे देना चाहिए। एसे लोग ये दलील देते हैं कि, चूँकि काश्मीर एक मुस्लिम बहुल राज्य है , तो उसको पाकिस्तान को उसी अधर पर दिया जन चाहिए जैसे अन्य राज्य आजादी के बाद बंटवारें में गए थे ... मैं पूछता हूँ वही सवाल जो सालों पहले चन्द्रसेखर जी ने प्रदंमंत्री रहते हुआ पूछा था कि, गर कश्मीर पाकिस्तान में गया तो देश में बचे बाकि १५% मुस्लिमों कि सुरक्षा कि जिम्मेदारी क्या अरुंधती लेगी.....३। जो लोग औरतों के आज़ादी का बहाना लेकर ये साबित करने कि कोशिश कर रहे हैं॥कि वैलेंटाइन डे को इसी रूप में मनाया जाना चाहिए , उन्हें ये