राजेंद्र तिवारी Editor, Bhaskar websites जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपने ऊपर उंगली उठने भर से विचलित हो उठे और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उमर ने विधानसभा में कहा कि जो झूठा इल्जाम पीडीपी के एक मेंबर ने लगाया है, मेरा मानना है कि मैं तब तक गुनहगार हूं जब तक मुझे बेगुनाह करार नहीं दिया जाता। उन्होंने स्पीकर से कहा कि आप सदन की कार्यवाही से इसे निकाल दें, आप गृह विभाग से इसकी जांच कराएं लेकिन मैं तब तक काम नहीं कर पाऊंगा जब तक मेरी बेगुनाही साबित नहीं हो जाती। मेरे ऊपर एक ऐसा कलंक, एक ऐसा धब्बा लगाया गया है, मैं काम नहीं कर पाऊंगा। उमर सदन से निकले और अपने विधायकों और साथियों की लाख कोशिशों के बावजूद वे नहीं माने और गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। बाद में उनके राजनीतिक सलाहकार देवेंद्र राना ने उनके इस्तीफा देने की आधिकारिक घोषणा की। यहां ध्यान देने की बात यह है कि यह सेक्स स्कैंडल पीडीपी-कांग्रेस शासन में 2006 में हुआ था।उमर ने राजनीतिक-सार्वजनिक जीवन में शुचिता का एक बड़ा उदाहरण देश के सामने पेश किया है। उमर का यह कदम ऐसी स्थितियों में असाधारण ही माना जाएगा जब दे