रीता जायसवाल मिल बैठकर क्यों नहीं सुलझा लेते अध्योध्या विवाद : दोनों सम्प्रदाय की बुनियाद आपसी तालमेल पर टिकी है. विभिन्न धार्मिक मंचों पर आए दिन सुनाए जाने वाले गलाफाड़ तकरीरों से हमने यही जाना था कि इस फानी दुनिया के मानवीय जीवन के सारे मसलों का समाधान हमारे धार्मिक ग्रथों में मौजूद हैं। पूरे यकीन के साथ यह भी कहते सुना था कि बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान प्रेम-मोहब्बत से हल किया जा सकता है। कहने वाले तो यहां तक कहते नहीं अघाते कि सच्चा धर्मनिष्ट अपने धर्मों के साथ साथ दूसरे धर्मों के प्रति भी सम्मान भाव रखते हैं। मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना- का पाठ भी इन्हीं लोगों ने सिखाया। इसे सौभाग्य कहें अथवा दुर्भाग्य, ऐसी तालीम देने वाले इसी देश-समाज के हैं फिर अयोध्या मामले को लेकर इतनी हायतौबा क्यों? विवादित परिसर का अदालती फैसला आने से पहले एक थुथुन फुलाए बैठा है तो दूसरा आस्तीन चढ़ाए है। एक दूसरे को काटने-मारने तक की तैयारी की जा रही है। ये उस वक्त कहां थे जब मामला न्यायालय में विचाराधीन था। साक्ष्य-सबूत पेश करने की जरूरत महसूस की जा रही थी । माना कि धार्मिक मामले गहरी आस्था...