आज में बहुत खुश हु की में अपनी प्रिये भाषा का वर्णन उसी की भाषा में करने जा रही हु ! मै सभी हिंदी भाषी प्रेमियों की तहेदिल से शुक्रगुजार हु की आप सब लोगो की कोशिशो की वजह से हम अपने विचारो को अपनी मात्रभाषा के रूप मै व्येकत कर प् रहे हैं ! जिसका हमे गर्व है की वो मूल [ जड़ ] जो कही दब गया था आज फिर से उठने की कोशिश करने लगा है और एक बड़ा वृक्ष बन कर सामने जरुर आएगा इसको बड़ने मै भले देर हो सकती है पर अगर हम सब मिलकर इसे सींचते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब ये फल देना शुरू कर देगा और इसके मीठे-२ सवाद से हर कोई परिचित हो जायेगा ! कोई भी भाषा का ज्ञान होना अपने आप मै गलत बात नहीं है हम जितनी ज़यादा भाषा सीखे उतनी अच्छी बात है ,भाषा की जानकारी से ही हम एक दुसरे के विचारो को आपस मै बाँट सकते हैं ! जहाँ तक हिंदी भाषा का सवाल आता है तो एक भारतीय होने के नाते हमे इस प