भारत सरकार ने अपनी गुटनिरपेक्ष नीति को छोड़ कर अमेरिकन साम्राज्यवाद के साथ अप्रत्यक्ष रूप से रहना स्वीकार कर लिया है । अमेरिकन साम्राज्यवाद की दोहरी नीतियों का खामियाजा हमारे देश को भुगतना पड़ रहा है । मुंबई आतंकी घटना के सूत्रधार व एफ . बी . आई मुखबिर व अमेरिकन नागरिक डेविड कोलमेन हेडली भारत सरकार प्रत्यर्पण करने में असफल है क्योंकि प्ली अग्रीमेंट से हेडली सजा ऐ मौत नहीं दी जा सकती है । अब उसे अधिकतम सजा उम्रकैद की ही हो सकती है और इस प्ली अग्रीमेंट के तहत उसको पाकिस्तान भारत व डेनमार्क को नहीं सौंपा जा सकता है । भारत सरकार इस बात में ही खुश हो लेगी कि उसकी टीम अमेरिका जाकर हेडली से कुछ पूछताछ कर लेगी क्योंकि हेडली भारतीय जांच अधिकारीयों से बात करने के लिए तैयार हो गया है यदि वह बात करने के लिए न तैयार हुआ होता तो भारत सरकार उसका कुछ नहीं कर सकती थी । हमारे गृहमंत्री पि . चिदंबरम अब कह रहे हैं की हम अमेरिका पर दबाव डालना जारी रखें