लखनऊ के जिला मजिस्त्रेट अमित घोष की गुंडागर्दी के कारण राज्य कर्म चारियो की हड़ताल हो गयी थी । सैकड़ो राजकर्मचारियों के सर फूटे थे करोडो रुपयों का नुकसान हुआ लेकिन समय बद्द वेतनमान के तहत उनको ईनाम के रूप में सरकार सुपर टाइम स्केल में प्रौन्नति की जा रही है कृषि विभाग के जिस कर्मचारी को थप्पड़ों से पीटा था उसके ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा चुका है । राज्य द्वारा नियमो कानूनों का उल्लंघन अब आम बात हो गयी है अमित घोष के खिलाफ कमिश्नर की जांच लंबित है जांचें इन अधिकारियों के खिलाफ चलती रहती हैं और इनको प्रोमोशन दर प्रोमोशन मिलता रहता है ये अधिकारिगण अच्छी तरह से जानते हैं कि लोकतंत्र में इनके खिलाफ कुछ नहीं हो सकता है इन अधिकारियों की कार्यशैली आम आदमी की रक्षा के लिए न होकर उनका उत्पीडन करने के लिए है गाँव देहात में इन अधिकारियों की भूमिका बहुत ही निंदनीय हो जाती है । राजधानी लखनऊ के अगल बगल के जिलो में प्रशासनिक अधिका