प्रतिमा तुम्हारे प्यार की भूलती नहीं है॥ आँखों से तेरी सूरत जाती नहीं है॥ हमने भी आँखों को मिलाना भी ,,बंद किया है॥ सुबह शाम छत पे आना भी बंद किया है, तेरी हंसी की बोल मुरझाती नहीं॥ आँखों से तेरी सूरत जाती नहीं है॥ कई दिनों तक खाना पानी हरम था॥ हमें पता है हमें लवेरिया बुखार था॥ बिना देखे तोहे अंखिया मुस्काती नहीं॥ आँखों से तेरी सूरत जाती नहीं है॥ मेरी ख़ुशी है रूठी मै खोजती तुम्हे हूँ॥ आ जाओ मेरे करीब मै तो यहाँ हूँ॥ तेरे सिवा किसी को बसाया नहीं है... आँखों से तेरी सूरत जाती नहीं है॥