सुभाष के झा के साथ संजय लीला भंसाली की खास बातचीत आपकी बहन बेला को अपनी पहली फिल्म (शिरीं फरहाद की तो निकल पड़ी) बनाने में दस साल लग गए। सुना है लोग इसके लिए आपको जिम्मेदार कह रहे हैं! चीजें तभी होती हैं जब उन्हें होना होता है। मैं जानता हूं कि लोग मुझे उस बरगद के पेड़ की तरह समझते हैं जिसकी छाया में कोई दूसरा पेड़ उग नहीं सकता। जब मुझ पर अपनी ही बहन के कॅरियर को खराब करने के इल्जाम लगाए जाते हैं तो मैं आहत हो जाता हूं। आपको जान कर आश्चर्य होगा कि उसी ने मुझे फिल्मी दुनिया के कद्दावर लोगों से परिचित करवाया। वे मुझे एफ टीआईआई ले गईं और फि ल्म इंडस्ट्री में इंट्रोड्यूस किया। मैं आज जो भी हूं उसका पूरा श्रेय उन्हीं को जाता है। शायद मेरी किस्मत अच्छी थी कि मैं उनसे पहले कोई फि ल्म बना पाया, पर ऐसा मौका उन्हें मिलना चाहिए था। आप उन्हें पहले फिल्म बनाने के लिए मदद कर सकते थे। कई बार मुझे लगा कि मेरी फिल्मों की एडिटिंग की वजह से वे अपनी कोई फिल्म नहीं बना पा रहीं। इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता था। बेला हमेशा मेरी क्रिएटिव टीम का हिस्सा थीं। उन्होंने फिल्म ब्लैक के पहले मेरी हर फिल्म एड