स्वागतम नूतन साल तुम्हारा है, झंकृत हृदय हमारा है। स्वागतम........ बीते पल जब तुम आए थे ऐसा ही स्वागत पाए थे होंठों से मुस्काए थे और नज़रों से इतराए थे तुम्हारा आगम कितना प्यारा है। स्वागतम.... ऐसे ही तुम आओ अधरों पर हँसी खिलाओ मन का गीत कोई गुनगुनाओ नूतन सपना कोई सजाओ ऐसा न्यारा ख्वाब तुम्हारा है। स्वागतम..... मन की पीडा को हम भूलें निर्झर लहरों में ही झूलें उठ के असमान को छूलें मरहम बन जायें सब शुलें कैसा जीवन नृत्य तुम्हारा है॥ स्वागतम नूतन साल तुम्हारा है, कैसा झंकृत ह्रदय हमारा है। तुम्हारा आगम कितना प्यारा है, ऐसा न्यारा ख्वाब तुम्हारा है।