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Showing posts from August 18, 2009

लो क सं घ र्ष !: प्रतिरोध के नये क्षेत्र: साहित्य, दलित और मुस्लिम दलित

हिन्दी में दलित-साहित्य का इतिहास साहित्य की जनतांत्रिक परम्परा तथा भाषा के सामाजिक आधार के विस्तार के साथ जुड़ा हुआ है। इसे सामंती व्यवस्था के अवसान, जो निश्चित ही पुरोहितवाद के लिए भी एक झटका साबित हुआ तथा समाज में जनतांत्रिक सोच के उदय, भले ही रूढ़िग्रस्त ही क्यों न हो, के साथ ही प्रजातांत्रिक शासन-व्यवस्था के एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में भी देखा जा सकता है। यहाँ हम यह स्वीकार करते चलें कि अन्यायपरक वर्ण-व्यवस्था पर आघात-दर-आघात करने वाला कविता का भक्ति-आंदोलन, ज्योतिबा फुले द्वारा आरम्भ किया गया सामाजिक पुनर्निर्माण का ऐतिहासिक अभियान, वर्ण-व्यवस्था के जुल्म से निजात पाने की इच्छा तथा प्रतिरोधस्वरूप बड़ी संख्या में संभव हुआ धर्मांतरण-जैसी दूरगामी प्रभावों वाली घटनाएँ सामंती व्यवस्था के काल में ही घटित हुई। भारतीय समाज, उसमें भी ज़्यादा अकल्पनीय दमन से त्रस्त दलित वर्ग को महामुक्ति के चिरस्मरणीय दूत के रूप में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का मिलना (मुक्ति-पथ पर जिनके कदमों के निशान बहुत गहरे हैं) एक सामंत का ही अवदान है। मानववादी उदारता से उपजी सहानुभूति की यह प्रवृत्ति ही साहित्य में भी

नए फ्लेवर में नशे के बाजीगर परोस रहे है धुम्रपान का सामान " हुक्का रेस्टोरेंट "

आप सभी को याद होगी गाँधी जयन्ती 2 अक्तूबर, 2008 से पूरे देशभर में अधिसूचना जारी कर ‘सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान’ को प्रतिबंधित कर सरकार ने धुम्रपान करने वालो की शामत ला दी थी ,आज वही सरकार धूम्रपान की हिमायती बन नशे के बाजीगर के साथ मिल कर लोगों की जेबे निचोड़ने नए जुगाड़ में लगी है ऐसा मै नहीं कहता सरकारी आदेशो की धज्जिया उडाते , नियम कानून को ताक पर रख मुह चिढ़ते " हुक्का रेस्टोरेंट " जो हिन्दुस्तान के पाश ईलाके से लेकर ,गली कूचो में धड्ले से चलाये जा रहे उनको देख के तो कम से कम यही कहा जा सकता है , जब हर तरफ धूम्रपान’ के प्रतिबंधित का प्रयास कर स्मोक फ्री जोन बनाने की पहल जा रही हो ऐसे में खुले आम " रेस्टोरेंट " की आड़ में " हुक्का रेस्टोरेंट " स्मोक फ्री जोन बनाने की बात करने और प्रयास में जुटे लोगो के मुह में तमाचा है गाँधी जयन्ती 2 अक्तूबर, 2008 से पूरे देशभर में अधिसूचना जारी कर जीएसआर 417 (ई) दिनांक 30 मई, 2008 के अनुरूप केन्द्र सरकार ने ‘सार्वजनि