हमें उम्मीद है... उम्मीद है एक नए और शांतिपूर्ण अमेरिका की...' अपनी इन बातों के साथ दो साल पहले जब राष्ट्रपति बराक ओबामा देश को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने गांधी के आदर्शों और दुनिया में भारत की उभरती नई तस्वीर का जिक्र भी किया था. दिवाली के देर रात राष्ट्रपति ओबामा मुंबई पहुंच रहे हैं. क्या यह एक नई रोशनी की शुरुआत होगी या फिर भारत और अमेरिका के संबंधों में यथास्थिति बनी रहेगी...यह अगले तीन दिनों में साफ हो जाएगा. घर में पराजय का मुंह देखकर राष्ट्रपति ओबामा एक नई शुरुआत की कोशिश और अपने देश की अर्थव्यवस्था को संवारने की जद्दोजहद के साथ भारत पहुंच रहे हैं. भले ही भारत सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दौरे से बहुत उम्मीदें नहीं लगा रही, लेकिन भारत के पड़ोसी देशों, पाकिस्तान और चीन में इस दौरे को लेकर काफी कौतूहल रहेगा. यह शायद पहला मौका है, जब एक अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के दौरे के साथ पाकिस्तान में कुछ घंटे नहीं बिता रहा. इसे लेकर भले ही भारतीय विदेश मंत्रालय संतुष्ट न हो, लेकिन अंदर ही अंदर खुशी की लहर जरूर होगी. भले ही ओबामा ने तीन महीने पहले ही 750 करोड़ के आर्थि