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Showing posts from July 5, 2009

मेरठ से जुड़े हो सकते हैं रणवीर एनकाउंटर के तार

सलीम अख्तर सिद्दीक़ी यह तो तय हो चुका है कि देहरादून में बागपत के रणवीर की हत्या की गयी है। एनकाउंटर का तो बस नाम दिया गया है। लेकिन इन सवालों का जवाब अभी तक नहीं मिल सका है कि पुलिस ने आखिर ऐसा क्यों किया ? पोस्टमार्टम की रिपोर्ट कहती है कि रणवीर के सीने पर एक नहीं दो नहीं पूरी दस गोलियां उतारीं गयीं थीं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि गोलियां मारने से पहले रणवीर को बुरी तरह से पीटा भी गया था। देहरादून पुलिस अब भी यदि एक बदमाश को एनकाउंटर में मारने का तमगा हासिल करना चाहती है तो इसे देहरादून पुलिस की बेशर्मी के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता है। रणवीर हत्याकांड में कई इत्तेफाक ऐसे हैं, जिन्हें नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता है। पहला इत्तफाक तो यह कि रणवीर का ताल्लुक मेरठ से भी रहा है। यहां से उसने एक इंस्टीट्यूट से एमबीए किया था। दूसर इत्तेफाक यह कि देहरादून के जिस मोहनी चौक पर कथित रुप से पुलिस और रणवीर के साथियों का झगड़ा हुआ और यह कहा गया कि रणवीर ने एसआई के हाथ से उसकी सर्विस रिवाल्वर छीनकर उसकी कनपटी पर लगा दी थी,, उसी मोहनी चौक पर रहने वाले और पूरा नजारा देखने वाले सिविल इंजीनियर परवेज खान क

‘समर्थन’ और ‘विरोध’ का सीरियल

श्रवण गर्ग Sunday, July 05, 2009 सरकारों द्वारा की जाने वाली घोषणाओं को लेकर विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएं स्टाक माल की तरह तैयार रहती हैं। आम जनता को भी पूरा आभास रहता है कि पक्ष और विपक्ष के ऊंट किस करवट बैठने वाले हैं। ममता बनर्जी द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए गए रेल बजट को अगर विपक्षी दलों ने सतही, निराशाजनक और परिकथाओं वाला और कांग्रेसी खेमों ने प्रगतिशील, शानदार और व्यापक समझ वाला निरूपित किया तो इस पर बहुत ज्यादा आश्चर्य व्यक्त नहीं किया जाना चाहिए। कल (सोमवार) को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा पेश किए जाने वाले वर्ष 2009-10 के बजट को लेकर भी कुछ इसी तरह की प्रतिक्रियाओं का इंतजार किया जा सकता है। यूपीए की सरकार पांच वर्षो तक सत्ता में रहने वाली है और हर साल ऐसे ही बजट पेश होंगे और फिर ऐसी ही प्रतिक्रियाएं देखने-पढ़ने को मिलेंगी। जो लोग सरकार में होते हैं वे अपनी हर घोषणा को आम जनता के हित में और विकासोन्मुखी बताते हैं और जो विपक्ष मंे होते हैं ठीक उसके विपरीत। प्रतिक्रियाओं का यह अंतहीन सीरियल पहले आम चुनाव के बाद से ही लगातार चल रहा है। यही विपक्ष