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Showing posts from January 20, 2009

कभी धुप चिलचिलाये.....!!

कभी धुप चिलचिलाये कभी शाम गीत गाये....!! जिसे अनसुना करूँ मैं वही कान में समाये.....!! उसमें है वो नजाकत कितना वो खिलखिलाए !! सरेआम ये कह रहा हूँ मुझे कुछ नहीं है आए...!! चाँद भी है अपनी जगह तारे भी तो टिमटिमाये...!! जिसे जाना मुझसे आगे मुझपे वो चढ़ के जाए...!! रहना नहीं है "गाफिल" इतना भी जुड़ ना जाए...!!

जमाना अच्छाई का नहीं है? तो किसका है?

विनय बिहारी सिंह आप अक्सर सुनते हैं- अरे बहुत दयालु मत बनो, यह जमाना अच्छाई का नहीं है। सुन कर हैरानी होती है। अरे तो जमाना अच्छाई का नहीं है तो क्या हमेशा बुरा काम करें? क्या मतलब है इस जुमले का? मान लीजिए कि सभी यही सोचने लगें कि यह जमाना भलाई करने वालों के लिए नहीं है, तो हर आदमी बुरा काम करने लगेगा। फिर? तब क्या यह धरती कैसी होगी? अगर हम किसी पर भरोसा नहीं करें, सबको शक की निगाह से देखें, भला काम करने से परहेज करें तो कैसा माहौल बनेगा? हालांकि मौजूदा माहौल भी कम जटिल नहीं है। फिर भी इस पृथ्वी पर अच्छे लोग हैं और वे लगातार अच्छा काम कर रहे हैं। उन्हें हम, आप भले ही नहीं जानते या पहचानते, लेकिन वे अनजान रह कर अच्छा काम करने में आनंद पाते हैं। ऐसा कभी हुआ ही नहीं है कि यह पृथ्वी सिर्फ बुरे लोगों से ही भर गई हो। लंका में भी विभीषण जैसा व्यक्ति मौजूद था। विभीषण ने राम- रावण युद्ध में निर्णायक भूमिका अदा की। कैसे कह दें कि यह जमाना सिर्फ चोरों, डकैतों और लुटेरों का है। हां, ऐसे भ्रष्ट, बेईमान और अनैतिक लोग देश, समाज औऱ भावी पीढ़ी के भविष्य की चिंता न कर घनघोर अन्याय कर रहे हैं। यह

तसलीमा नसरीन होने का दर्द

तसलीमा नसरीन को तो आप जानते ही होंगे।और उनके साथ हुई दुर्गति को भी।उनके साथ  ऐसा क्यों हुआ?उन्होंने मुस्लिमों के बारे में कुछ लिख दिया बस भारत के फंडू नेताओं ने  तुष्टीकरण की राजनीति के चलते उनके साथ दुर्गति होने दिया भाई वोट बैंक का सवाल था। अब मै आप को एक और महान(ही ही ही)लेखिका के बारे में बताता हूँ।अरंधुति राय ,अभी हाल ही में इन्होंने आउटलुक के अंक में मुम्बई आतंकवाद पर टिप्पडी की है,कि भारत को पाकिस्तान से डरना चाहिये क्योंकि वो अफगानिस्तान नहीं है(जय हो तुष्टीकरण)।और उन्होने एक आकणा भी दिया है कि यदि नौ आतंकवादि इतना सब कर सकते हैं तो भारत में करोडो़ मुस्लिम(आतंकवादी ) क्या कर सकतें है(लिहो.....लिहो....लिहो...)  मैडम आप लगभग एक अरब हिन्दुओं को क्यों भूल जाती हैं कि जब वो जागेगा तो आप का व मुस्लिमों(आतंकवादियों )का क्या होगा। चित्रकार महोदय (भडुआ)को भी आप जानते होंगे वो माधर....=॒॑३ जब चाहता है हिन्दु  देवी देवताओं का मजाक बनाता है। आप को पैगम्बर साहब का कार्टून याद होगा माधर....=॒॑३ ने क्या हंगामा किया था। जागो हिन्दू वरना हमेसा सोने के लिये तैयार रहो।लिहो.........