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Showing posts from February 6, 2010

लो क सं घ र्ष !: खबरदार! बाजार उदार हो गया है।

सर्वत्र उदारीकरण-उदारीकरण की चिलपों मची हुई है। हर कोई उदारीकरण का राग अलाप रहा है। ऐसे में बाजार भी किसी से पीछे नहीं है। बाजार भी कह रहा है कि वो उदार है। आज अगर कोई नंगा दिखता है तो समझिये वो फैशन परस्त है। आज कोई भूखा है तो समझिये वो डाइटिंग कर रहा है। आज कोई परेशान है तो समझिये परेशान होना उसकी फितरत है। आज कोई घी नहीं पीता तो समझिये घी पीने से उसका पेट खराब हो जाता है। बाजार सारी आम-ओ-खास चीजे उदार हो कर दे रहा है। वह भी जीरो परसेंट इंट्रेस्ट पर। है न गजब की उदारता! बाजार बहुत उदार हो चला है। आज शिकायत वो नहीं रही जो पहले हुआ करती थी। ‘हमें तो कोई पूछता नहीं’ का दर्द अब नहीं रहा। आज परेशानी की वजह तो ‘अरे यार ये तो पीछे पड़ गये’ है। आप क्या सोच रहे है? यही न! क्या कभी बाजार भी उदार हो सकता है? क्या बाजारू शब्द का अर्थ बदल गया है,जो बाजार की विशेषताओं के कारण ही अस्तित्व में आया! वो बाजार जहाँ बड़े से बड़े पल भर में नंगे हो जाते है, क्या अब वो वैसा नहीं रहा! वो बाजार जो किसी को नंगा करने के बाद शर्मता भी नहीं, क्या उसका हृदय परिवर्तन हो गया है! फिलहाल बाजार तो यही कर रहा है कि वो उदा

मेरे अच्छे दोस्त जॉर्ज

जॉर्ज फर्नाडीज के लिए मेरे दिल में सदैव एक स्थान रहा है। मैं उन्हें पिछले करीब 40 सालों से अलग-अलग रूपों में जानता हूं। उनमें वह सबकुछ था, जो मुझमें नहीं था। अपनी पहली ही मुलाकात के दौरान मैंने उन्हें ऐसे आकर्षक गठीले युवक के रूप में पाया जिसमें जीवन जीने का उत्साह कूट-कूटकर भरा हुआ था। इसी वजह से कई सुंदर महिलाएं उनके प्रति आकर्षित हुईं। उधर मैं एक थुलथुल सरदार। जॉर्ज को मैंने पहली बार तब देखा था, जब वे ग्रीष्मकाल की एक तपती दोपहरी में काला घोड़ा चौक स्थित एक छोटे से मंच पर खड़े होकर मुंबई के सैकड़ों कैब चालकों को अपने हक के वास्ते संघर्ष करने के लिए प्रेरित कर रहे थे। उसी शाम को मैं उनसे एक कॉकटेल पार्टी में मिला। उस पार्टी में वे आभूषणों से लदे मुंबई के भद्रजनों के आकर्षण का केंद्र बन गए थे। वे उन लोगों से उतनी ही सहजता से बातचीत कर रहे थे, जितनी सहजता से वे दोपहर में टैक्सी ड्राइवरों को संघर्ष के लिए ललकार रहे थे। हम दोनों जो एक बात साझा करते थे, वह यह थी कि हमें सभी धर्मो से चिढ़ थी। वे कैथोलिक धर्म में पैदा हुए थे, लेकिन उसका अनुसरण उन्होंने कभी नहीं किया। मेरा उनसे नाता थोड़े सम