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Showing posts from December 1, 2010

hidustan ka dard

बंटवारा बहुत बुरा होता है और ये वही जानते हैं जिन्होंने इसे झेला हो .एक घर का बंटवारा आदमी नहीं झेल पता फिर देश का बंटवारा झेलना तो सहनशक्ति के बाहर की बात है.हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों एक ही मिटटी की उपज हैं और ऐसे में जब इनके आपसी मसले सुलझाने के लिए बाहरी मदद ली जाती है तो दोनों तरफ की जनता रो पड़ती है साथ ही जब भाई भाई का दुश्मन होकर खून खराबे पर उतर आता है तो जनता खून के आंसू बहाती है    .भारत ने हमेशा पाकिस्तान के साथ नरमी का बर्ताव किया है .युद्ध के जवाब में युद्ध किये हैं कभी खुद कोई युद्ध नहीं किया और आज भी भारत इसी नीति पर कायम है ऐसे में पाकिस्तान को भी आपसी मसले निबटाने के लिए खून खराबे की नीति को छोड़ कर आपसी सामंजस्य की नीति को अपनाना चाहिए. सभी कहते हैं कि इस दुनिया में सब अकेले आयें हैं अकेले ही चले जायेंगे .ना कोई कुछ लेकर आया है ना कोई कुछ लेकर जायगा फिर दोनों देशों के राजनेता इन उक्तियों पर विश्वास क्यों नहीं करते .आखिर जब सब यहीं रह जाना है तो फिर किसी जगह के लिए लड़ने का क्या मतलब है.जो जगह जहाँ से जुडी है उसे वहीँ जुडी रहने दें और शांतिपूर्वक विकास के पथ पर अग्रस

संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम् पर इस माह प्रस्‍तुत लेखों की सूची ।।

आदरणीय महोदय संस्‍कृत भाषा के जालजगत पर प्रसार में सहयोग देने हेतु आपका धन्‍यवाद । आपके समक्ष संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम् पर इस माह प्रस्‍तुत किये गये लेखों की सूची प्रस्‍तुत कर रहा हूँ  ।। 1- ।। उपनिषदामृतम् ।। 2-  एकं दृश्यं द्वौ विचारौ 3-  श्रीमद्भगवद्गीता - शारदा महोदयया प्रेषिता: श्‍लोका... 4-  ।। मूल्‍यम् ।। 5-  सुभाषितानि - रामदास सोनी महोदयेन संकलितानि ।। 6-  तत्र क: संशयः? 7-  वर्षा कथं भ‍वति - वेदेषु विज्ञानम् ।। 8-  श्रीअयोध्यादर्शनं कारयन् एकं मधुरगीतम् - श्री अनिर... 9-  पवनतनय स्तुति: 10-  विश्व-संस्कृत-पुस्तकमेला 11-  श्रीमद्भगवद्गीता- केचन् श्‍लोका: शारदा महोदयया प्र... 12-  श्रीमद्भगवद्गीता- केचन् श्‍लोका: शारदा महोदयया प्र... 13-  सोमरसविषये कानिचन् तत्‍वानि – वेदरहस्‍यम् हिन्‍दी... 14- मया अपि अद्य श्रीअयोध्‍यापरिक्रमा कृता  अद्य प्र... 15-  क्रोशस्य परिक्रमा समाप्ता , श्व: आरभ्य 5क्रोशी... 16-  श्री अनिरूद्धमुनि पाण्डेतय 'आर्त' कृत श्रीहनुमत् व... 17-  हरिभजनसिंह: नूतनं विश्वकीर्तिमानम् अकरोत् ।। 18-  एकं सुचिन्‍तनम् ।। 19-  भूतकालस्‍य

पोलांस्‍की से कोलस्‍की तक राजनीति, युद्ध, प्रेम का सिनेमा

♦ अजित राय पणजी, गोवा से भा रत के 41वें अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह में विश्‍वप्रसिद्ध फिल्‍मकार रोमन पोलांस्‍की की नयी फिल्‍म ‘द घोस्‍ट राइटर’ राजनीतिक कारणों से इन दिनों दुनिया भर में चर्चा में है। पोलांस्‍की ने इस फिल्‍म की पटकथा पिछले वर्ष तब पूरी की थी, जब स्विटजरलैंड पुलिस ने अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के आग्रह पर उन्‍हें गिरफ्तार किया था। उन पर एक फिल्‍म की शूटिंग के दौरान एक कम उम्र की लड़की के साथ यौनाचार का आरोप लगाया गया था। पोलांस्‍की हमेशा अपने जीवन और फिल्‍मों के कारण विवाद में रहते हैं। इसके बावजूद इस फिल्‍मोत्‍सव में उनकी नयी फिल्‍म का प्रदर्शन एक बड़ी उपलब्धि है। इस फिल्‍म का प्रीमियर इसी वर्ष 12 फरवरी 2010 को 60वें बर्लिन अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह में हुआ था, जहां उन्‍हें सर्वश्रेष्‍ठ निर्देशक का सिल्‍वर बीयर पुरस्‍कार मिला। ‘द घोस्‍ट राइटर’ ब्रिटेन के एक पूर्व प्रधानमंत्री की कहानी है, जो रिटायर होने के बाद अपना शेष जीवन अमेरिका के किसी द्वीप में बिता रहा है। उस पर आरोप है कि उसने एक युद्ध में अमेरिका का हद से बाहर जाकर अंध-समर्थन किया था। फिल्‍म के प्रदर्शन के ब