आमिर के बारे में कहा जाता है वे पटकथा पढ़कर किसी फिल्म के लिए हां करते हैं, आमिर इस मामले में बहुत सजग माने जाते हैं। आमिर की फिल्में कुछ अलग होती हैं, उनके ट्रीटमेंट, कहानी आदि सब में कुछ नयापन होता है। आमिर पर भरोसा करने वाले तलाश देखने भी इसी उम्मीद से जायेंगे कि आमिर अपने छवि पर खरा उतरेंगे। पर यह फिल्म आमिर की साख के अनुरूप बिलकुल नहीं है। हाल के कुछ वर्षों में सिनेमा ने दर्शकों की पसंद को समृद्ध भी किया है, आमिर भी अच्छा सिनेमा देने के लिए, दर्शकों की रूचि परिष्कृत करने के लिए जाने जाते हैं, लिहाजा यह फिल्म उल्टी पड़ गयी है। दर्शक को आमिर से यह उम्मीद तो नहीं ही होगी। इस फिल्म में आप कहानी की ‘तलाश’ करते रह जायेंगे। ‘तलाश’ फिल्म एक भुतहा या हारर फिल्म नहीं भी कही जाए पर आत्मा के विश्वास पर केंद्रित तो है ही। ‘तलाश’ की कहानी फिल्म स्टार अरमान कपूर की कार समन्दर में डूब जाती है। कार खुद अरमान चला रहा था, वह आत्महत्या नहीं कर सकता था फिर ऐसा क्या हुआ कि रात में सुनसान सडक पर तेज गति से दौड़ती हुई गाड़ी अचानक समंदर की ओर घूम गयी और सीढियां तोड़ते हुए समंदर में जा घुसी…! क्यो