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Showing posts from February 8, 2009

रुदालियों के माफिक रोना छोड़ो भाई ....

लोग देश के पिछड़ेपन पर इस प्रकार रोते हैं जैसे दूसरो की मैय्यत पर रुदालियाँ । हर छोटी- बड़ी कुव्यवस्था के लिए सिस्टम (व्यवस्था ) को जी भर गालियाँ सुना कर ऐसा लगता है मानो कोई जंग जीती हो ! दिन भर में कम से कम एक बार तो किसी न किसी को पकड़ कर अपनी भड़ास निकाल ही लेते हैं हम सब। तब ऐसा महसूस होता है कि जैसे घंटो दबाये मूत्र का त्याग कर दिया है। यह सब आज हमारी दिनचर्या में शामिल है । इसमे एक बड़ी भूमिका मीडिया की भी रहती है । मीडिया तो ठहरी शासन की जन्मजात दुश्मन ! बाज़ार के हाथों में अपना सर्वस्व सौंप चुकी मीडिया जब श्री राम सेना या मनसे को पानी पी पी कर कोसते समय भूल जाती है कि सब किया धरा उसी का है । श्री राम सेना ने किसी को पीटा तो राष्ट्रीय ख़बर हो गई जबकि उसी दिन विदर्भ में दर्जन भर किसान भूख और कर्ज के बोझ से दब करते है और कहीं चर्चा नही होती। राहुल गाँधी एक दिन किसी दलित के घर रुकते हैं तो वो ख़बर होती है लेकिन किशोर तिवारी को कोई नही जनता जिस व्यक्ति ने सारी जिन्दगी विदर्भ के किसानों की सेवा में झोंक दी है। तो भइया यहाँ सब ऐसा ही चलता है ये मैं नही हम सब कह कर टाल जाते हैं । शासन और व्

मन बहुत पगला रहा है....!!

मन बहुत पगला रहा है....!! मन बहुत अकुला रहा है... ख़ुद को अभिव्यक्त ही कर पा रहा है.... शरीर इक शव बन गया है... और दिल भी पत्थर हुआ जा रहा है.... जिनको सौंप कर अपना कीमती इक-इक वोट निश्चिंत हो गए हैं एकदम से हम... वही हर इक शख्स.... हमारे चिथड़े-चिथड़े कर रहा है... और हमारी चिन्दियाँ-चिन्दियाँ..... नोच-नोच कर खाए जा रहा है.... दिन भर की कसरत के बाद भी.... किसी को नसीब नहीं बीस रुप्पल्ली.... बीस-बीस हज़ार माहवार पाने वाला कामगार.... राज-ब-रोज हड़ताल पर जा रहा है..... मेरे आस पास ये भूखे...नंगे और बदहाल लोगों की भीड़-सी कैसी है..... मेरा देश तो बरसों से ही शाईनिंग इंडिया.... शाईनिंग इंडिया की दुदुम्भी बजा रहा है..... हर तरफ़ गंदगी-ही-गंदगी का आलम है..... अबे चुप करके बैठ जा ना तू..... मेरा नेता अभी ऐ.सी. की हवा में...... चैन की बंशी बजा रहा है..... मेरा दिल किसी करवट..... चैन ही नहीं पा रहा है.... ना जाने ये किस आशंका से घबरा रहा है.....

पूतना वध

विनय बिहारी सिंह जब कंस को लगा कि कृष्ण का वध मुश्किल है तो उसने बहुत ही मायावी मानी जाने वाली राक्षसी पूतना को बुलाया और कृष्ण वध का आदेश दिया। पूतना की तारीफ भी की। वह अद्भुत मायाविनी थी। कोई भी वेश धर सकती थी। जब सुंदर स्त्री का रूप धरती थी तो बड़े- बड़े बुद्धिमान उस उस पर मोहित हो जाते थे। जब वह मथुरा से गोकुल में गई तो उसने. गोपी का रूप बना लिया। उस समय उसके चेहरे पर अद्भुत प्यार छलक रहा था। उसने सबको मायावी जादू की गिरफ्त में ले लिया। कुछ संतों का तो कहना है कि भगवान श्रीकृष्ण ने खुद ही सबका दिमाग लापरवाह बना दिया क्योंकि उन्हें पूतना क मौका देना था। तो पूतना ने कृष्ण को गोद में ले लिया और चुपके से पास के पहाड़ पर ले गई। उसने पहले से ही अपने स्तनों पर जहर लगा रखा था। भगवान कृष्ण प्रेम से दूध पीने लगे। कथा है कि उन्होंने पूतना का दूध तो पीया ही उसके साथ उसकी जीवनी शक्ति भी पी ली। कंस ने पूतना के मरने की खबर सुनी तो सन्न रह गया। उसने अपने करीबी मंत्रियों से कहा कि कृष्ण भी बहुत मायावी है। लेकिन उसकी माया की काट हमारे पास है। अनंत कोटि ब्रम्हांड के सावामी को भी उसने चुनौती दी। आ

इस बन्दे है कुछ तो बात है .............

जिंदगी मे..कुछ खास पलो जी लो .... कुछ अच्छी यादो को अपने भीतर ..सहज लो आते है हर किसी की जिंदगी मे सुख और दुःख जो चलते है हर पल पल साथ ... किसी मोड़ पे ..मिले जो ज़िन्दगी तो उसे दो ...अपना जिन्दादिली का वोह एहसास ..की लगे उसे भी कि... इस बन्दे मे भी है कोई बात.... जो ना टूटा ..ना बिखरा किसी गम से ...दुःख भी ना तोड़ पाया इसे ... वक़्त का रुख मोडा है जिसने उसी बन्दे मे ..कोई तो बात है .. जो चला है...अपनों के गमो को साथ लेके ... दुखो को हँसी मे छिपा ..... वोह बना हर भीड़ का हिस्सा .... अपनी बातो से सबको दीवाना बना साथ अपने वोह दोस्ती का काफिला लेके चला है ................ अब तो वक़्त भी कहने लगा ..... इस बन्दे है कुछ तो बात है ............. (.........कृति.......अनु.......) .............................................................................................................. धोनी को ..आज ....सीरीज़ जीतने पे बहुत बधाई ........ ....................................................................................................

रिक्शे वाला ..........

आज मैंने एक गरीब देखा सूट बूट मे वोह बाबू सच मे था बहुत गरीब २ रूपये के लिए उलझा था .. वोह एक रिक्शे वाले से १०० किलो का वोह अमीर आज था रिक्शे वाले से भी गरीब तभी तो अपने भार का सही मोल उसने नहीं चुकाया .. २ रूपये के पीछे उस रिक्शे वाले को खूब झाड़ लगाया और वोह रिक्शे वाला था दिल का अमीर अपनी मेहनत के पैसे छोड़ ..हसते हुए फिर चल पड़ा किसी और गरीब की तलाश मे आज मे उस .....रिक्शे वाले के रूप मे देखा .... दिल का अमीर .......................... (.....कृति......अनु.....)

दास्तानें मोहब्बत का अनोखा फसाना

वह शादी शुदा हैं, उसकी दो लड़कियां है, वह अपने परिवार से प्यार भी करता है लेकिन वह नहीं भूल पाता एक नाम। ए क ऐसा नाम जिससे उसे मोहब्बत हो गई थी। वह देवदास तो नहीं लेकिन उसकी मोहब्बत देवदास से कम भी नहीं है। उसके पास उसकी अपनी खूबसूरत बीवी है जिससे वह बहुत चाहता है लेकिन वह अपने पहले प्यार को नहीं भूल पाता और फिर शुरु होता हैं अपने आपको सजा देने का अनोखा अंदाज। एक नाम , एक पोस्टकार्ड और जिंदगी का 1 घंटा उस नाम को उस पोस्टकार्ड पर लिखने में गुजारता हैं हर रोज । और यह सिलसिला उसकी जिंदगी में पिछले 13 सालों से लगातार चल रहा है। जी हां इस व्यक्ति का नाम है किशोर कुमार गाबा जो कि रांची का रहने वाला है। 20 साल पहले हुआ प्यार दरअसल किशोर कुमार गाबा को अपनी युवाअवस्था में एक लड़की से प्यार हो गया था लेकिन किस्मत ऐसी की दिल की बात इस युवा की जबान पर आ ना सकीं और दिल की बात दिल में रह गई। दिल दिवाना तो हुआ लेकिन मन कबूतर बन उड़कर उस लड़की को अपनी मोहब्बत की दास्तान बता न सका। राहें जुदा हो गई और किशोर की मोहब्बत सिर्फ किशोर के दिल तक रहीं और वह अजनबी लड़की किशोर के दिल की बात को समझ भी न सकीं।

है मंजूर तो बोलो हां !

सहारनपुर की पुलिस ! तुझे मैं क्या नाम दूं ? नाकारा कहूं , भ्रष्ट कहूं , अक्षम कहूं , सोच में पड़ गया हूं।   १५ वर्ष के छात्र सजल का अपहरण और फिर निर्मम हत्या , हत्यारों का पुलिस की पहुंच से बाहर रहना तो आपके नाकारापन का नवीनतम प्रमाण है।     पुलिस का ये कहना कि " हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है - बिल्कुल सही है , पर सादी छड़ी तो होगी ?  या वो भी नहीं है ? अपने व्यक्तिगत अनुभव के तीन मामले पाठकों के सम्मुख रख रहा हूं।   आप ही बतायें - इनके लिये भी जादू की छड़ी चाहिये होती है क्या ?   १ - मेरा एक महंगा मोबाइल सैट खो गया जिसके लिये पुलिस थाने में एफ आई आर दर्ज़ करा दी। वह नम्बर भी बता दिया जिसे जादू की छड़ी बताया जाता है - इलेक्टॉनिक सर्विलियांस पर डालो और जैसे ही फोन कहीं पर प्रयोग किया जायेगा , पुलिस कंट्रोल रूम में कंप्य़ूटर उसे पकड़ लेगा । पर सहारनपुर पुलिस का कंट्रोल रूम पूर्णतः नाकारा है । कुछ नहीं पकड़ता ।   आज तक कोइ सूचना नहीं है ।   २ - हमारी संस्था ने एक स्मारिका के प्रकाशन की आयोजना की तो मित्रों ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय का भी शुभकामना संदेश