बड़े बड़े महलों मै लोगो का बसेरा है ! गरीब की मेहनत ने इसे पिरोया है ! एक २ ईंट की कीमत खून पसीना है ! ये गरीब तो हर हाल मै एक नगीना है ! उसकी मेहनत को हर कोई न जाना है ! उसका तो आज यहाँ कल कही और ठिकाना है ! पापी पेट है कुच्छ न कुच्छ तो कमाना है ! हर इंसा को एक झत दे के निकल जाना है ! अपनी तमनाओ को दफ़न ही तो ये करते हैं ! फिर भी हर हाल मै मुस्कुराते रहते हैं ! काश हम कुच्छ पल को इनको खुश कर पाते ! इनकी मेहनत मै तो जेसे चार चाँद लग जाते ! ये तो बस पल भर की ही तो ख़ुशी चाहते हैं ! और सारी जिंदगी की हमे ख़ुशी दे जाते हैं ! You might also like: जीवन एक कला हिंदी हमारी मातृभाषा क्रांति ही जीवन LinkWithin