रायपुर. राजधानी में एक अजीबो-गरीब मामले में मासूम के हाथ में सरगुजा कलेक्टर के नाम का भीख मांगने वाला प्रमाण-पत्र मिले से खलबली मच गई। 9 साल का यह बच्चा रेलवे स्टेशन में भीख मांगता मिला। एक सामाजिक संगठन की उस पर नजर पड़ी तो वे उसे अपने पास ले आए। सरगुजा कलेक्टर जीएस धनंजय ने ऐसे किसी पत्र को जारी करने से इंकार किया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि कहीं कोई गिरोह बच्चों से भीख मंगवाने का काम तो नहीं कर रहा? 9 साल के विजय के माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं। विजय को अपनी जवान बहन का ब्याह कराना है। सरगुजा के कलेक्टर और पुलिस के नाम से विजय को 1 नवंबर 2010 को प्रमाण-पत्र जारी किया गया। वह ज्यादा से ज्यादा धन जमा करने राजधानी आ पहुंचा। इसके पहले कि वह अपना प्रमाण-पत्र दिखाकर लोगों के आगे हाथ फैलाता, गंभीर रूप से बीमार हो गया। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर बेसुध पड़े विजय पर कुछ समाज-सेवियों की नजर पड़ी। उन्होंने बढ़ते कदम संस्था को बुलाकर बच्चे को उसके हवाले किया। दो-तीन दिन इलाज के बाद विजय इशारों से बोलने-बताने की स्थिति में आया। उसने जेब से जब प्रमाण-पत्र निकालकर दिखाया तो सब सकते में