उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अपहरण के मामले में रूबी चौरसिया को पुलिस उठाकर थाने ले गयी 19 वरिशीय रूबी के साथ पुलिस ने पुलिसिया तरीके से पूछ-ताछ की। जिससे अपमानित महसूस होकर रूबी चौरसिया ने आत्महत्या कर ली । प्रदेश में प्रतिदिन किसी अपराध के भी पूछ-ताछ में पड़ोसियों तक के बच्चो को पुलिस दबाव बनाने के लिए अविधिक रूप से पकड़ ले जाती है और हफ़्तों पूछ-ताछ के बहाने थानों में कैद रखा जाता है। अधिकांश मामलो में वसूली होती है और बाद में छोड़ भी दिया जाता है या सारा कृत्य पुलिस के उच्चाधिकारियों की जानकारी में होता है कोई घटना घटित होती है तो सबसे पहले औरतें व लड़कियों को पुलिस निशाना बनाती है जो औरतें व लडकियां थानों में हफ़्तों रहकर आती है वह सामाजिक प्रतारणा व जग हँसी से बच नहीं पाती हैं। जिसमें तमाम सारी औरतें मानसिक रूप से विछिप्त भी हो जाती हैं पुलिस का मुख्य निशाना अब अपराधी नहीं रहा है अपितु मध्य वर्गीय घरों के छात्र होते हैं और पुलिस अनावश्यक रूप से उनको घरो से पकड़ ले जाती है और अपने हथकंडे अपना कर वसूली करती है। वसूली न देने पर वह कहती है कि एक भी मुकदमा ल