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Showing posts from July 28, 2010

कौन सा खेल खेलने के लिए बांट रहे हो कंडोम?

नई दिल्ली. यूपीए सरकार में पूर्व मंत्री रहे मणिशंकर अय्यर दिल्ली में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों से खासे नाराज दिख रहे हैं। अय्यर ने सवाल किया है कि कॉमनवेल्थ खेलों में ऐसा कौन सा खेल खेला जाएगा जो खेल पंडालों में 150 कंडोम वेंडिंग मशीने लगाई गई हैं। अय्यर ने सवाल किया कि हमारी सरकार की प्राथमिकता क्या है उच्च स्तर के खेल कराना या अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मुहैया कराना। गौरतलब है कि कॉमनवेल्थ गेम्स के मद्देनजर खेल पंडालों में बड़ी संख्या में कंडोम बांटने वाली मशीने लगाई जा रही हैं। अय्यर ने सवाल किया की खेलों को इस तरह बढ़ा चढ़ा कर पेश करना गलत है। देश की जनसंख्या में युवाओं का एक बड़ा हिस्सा होने के बाद भी हम एक खेल राष्ट्र नहीं बन सके हैं। आज हम कॉमनवेल्थ खेलों के नाम पर 35 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं लेकिन यदि यह रकम युवाओं को प्रशिक्षण देने पर खर्च की जाती तो हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। अय्यर ने यह तक कहा कि वो देश में हो रही अच्छी बारिश से बहुत खुश हैं। एक तो इससे खेतों में अच्छी फसल पैदा होगी दूसरे ये कॉमनवेल्थ खेलों का बेड़ा गर्क कर देगी। यदि कॉमनवे

भैया हमरे डी.एम बाटे॥

मंगलवार, २७ जुलाई २०१० भैया हमरे डी.एम बाटे॥ भैया हमरे डी.एम बाटे॥ बीच सड़क दौड़ा दूगी॥ जौ बीच बजरिया अकडो गे॥ सूली पे चढवा दूगी॥ जब मै चलती रुक जाती है॥ सैट सहेलियों की टोली॥ मै रुकती जब खुद रुक जाती॥ सात रंगों से रंगी घोड़ी॥ अगर अब पीछे मेरे पड़ोगे॥ चक्की में पिसवा दूगी॥ बीच बजरिया अकडो गे॥सूली पे चढवा दूगी॥ मै हंसती तो मोती झरते॥ हर संभव प्रयास के॥ तेरी तो साड़ी चलन बुरी है॥ नियत तो लगती पाप के॥ देखना मेरा सपना छोड़ दे॥ नहीं सरे आम मरवा दूगी॥ बीच बजरिया अकडो गे॥सूली पे चढवा दूगी॥ मेरे पापा की तूती बोले॥ हाथ इलाका जोड़े॥ प्रधानिं मेरी मम्मी जी है,, जिधर चाहे उधर मोड़े॥ सभी सभ्यता प्रशंसक बन जा॥ नहीं दंड बैठक करवा दूगी॥

संस्कृतप्रशिक्षणकक्ष्‍या - षष्‍ठअध्‍याय:

प्रिय बन्धु संस्‍कृतप्रशिक्षण कक्ष्‍या का षष्‍ठ अभ्‍यास प्रस्‍तुत कर रहा हूँ । संस्‍कृतप्रशिक्षणकक्ष्‍या -षष्‍ठ अभ्‍यास: आप लोगों को ये बता देना जरूरी समझता हूँ कि पॉंचवें अभ्‍यास से अब जो पाठ्यक्रम मैने प्रारम्‍भ किया है इसपर आपलोग पूरा ध्‍यान केन्द्रित करें व इसका ठीक से अभ्‍यास करें । यह पाठ्यक्रम मैने बहुत मेहनत से बनाया है और मेरा दावा है, पाँचवें अभ्‍यास से अगले 10 अभ्‍यास तक के पाठ्यक्रम का ठीक से अध्‍ययन करने पर आप अच्‍छी संस्‍कृत लिखना, व बोलना शुरू कर देंगे । धन्‍यवाद भवदीय: - आनन्‍द: