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Showing posts from February 2, 2010

लो क सं घ र्ष !: संघ व शिवसेना की नूराकुस्ती

image source : google महाराष्ट्र में शिवसेना मनसे अपने राजनीतिक आधार को बनाये रखने के लिए अपनी विघटनकारी विचारधारा का प्रयोग कर रही है । इस खे ल में अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेसी सरकार का भी नैतिक समर्थन मनसे शिवसेना को प्राप्त है अन्यथा मनसे व शिवसेना की कोई हैसियत नहीं है कि वह भारतीय संघ से युद्ध करके रह सके । महाराष्ट्र का आम आदमी भी इन विवादों से दूर है लेकिन कांग्रेस सरकार इन विघटनकारी तत्वों के खिलाफ कोई विधिक कार्यवाही न करके इन तत्वों को बढ़ावा दे रही है । संघ परिवार ने हमेशा दोहरा चरित्र अपनाया है । एक तरफ शिव सेना के हिंदुत्व वादी रुख को समर्थन देती रहती है दूसरी तरफ नए मुखौटे के साथ उत्तर भारतियों को संरक्षण देनी की बात कर रही है । यह क्या संरक्षण देंगे ? भारतीय संघ अगर संरक्षण नहीं दे सकता है तो विघटनकारी तत्वों के संरक्षण संघ परिवार आम आदमी को कैसे संरक्षण दे सकते हैं । संघ के बयान का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि उत्तर भारत

अब भी कोई संताप नहीं..

हमको उनसे भी कोइ शिकायत नहीं॥ जिसने दिल को मेरे तोड़ के रख दिया॥ दिल हमने दिया ये खता थी मेरी॥ मेरे जीवन के खुशियों में गम भर दिया॥ याद करते है अब याद आयेगे कल॥ मेरी हालत को देख मुस्कराए गे वे॥ कंचन बगिया को मेरी जो गर्द कर दिया॥

नवगीत: मगरमचछ सरपंच... -संजीव 'सलिल'

मगरमचछ सरपंच मछलियाँ घेरे में फंसे कबूतर आज बाज के फेरे में... सोनचिरैया विकल न कोयल कूक रही हिरनी नाहर देख न भागी, मूक रही जुड़े पाप ग्रह सभी कुण्डली मेरे में... गोली अमरीकी बोली अंगरेजी है ऊपर चढ़ क्यों तोडी स्वयं नसेनी है? सन्नाटा छाया जनतंत्री डेरे में... हँसिया फसलें अपने घर में भरता है घोड़ा-माली हरी घास ख़ुद चरता है शोले सुलगे हैं कपास के डेरे में... *****