मशहूर उपन्यासकार चेतन भगत का आज दैनिक भास्कर के संपादकीय पेज पर एक लेख प्रकाशित हुआ जिसमे उन्होंने बाबा रामदेव के आंदोलन की मजबूत एवं कमजोर पहलुओं पर बात की है,एक बार तो लगता है चेतन भगत खुद बाबा रामदेव के सलाहकार बनना चाहते है । खैर जो भी लेख आपके सामने है आप तय कीजिये की आखिर मुद्दा क्या है.. कुछ सप्ताह पहले तक बाबा रामदेव (मैं उन्हें केवल ‘बाबा’ के नाम से पुकारूंगा, क्योंकि भारतीय बाबा जगत में उनकी उपस्थिति बहुत सशक्त है) एक सर्वप्रिय व्यक्ति थे। अगर उनके हाल के दिनों के अस्थिर मिजाज पर ध्यान न दें तो वे बड़े खुशमिजाज और वाकपटु व्यक्ति हैं। वे योग शिक्षक हैं और पूरी तरह भारतीय परंपराओं में रचे-बसे हैं। वे एक बेहद मनोरंजक व्यक्ति भी हैं। हिंदी के उनके अद्भुत शब्दज्ञान का मैं प्रशंसक हूं। लेकिन इसके बावजूद मुझे यह कहते हुए खेद हो रहा है कि बाबा ने एक बेहतरीन मौका गंवा दिया। यह हम सबके लिए भी एक सबक है कि जब हम लक्ष्य के इतने करीब पहुंच जाएं, तब हमें अवसर गंवाना नहीं चाहिए। भ्रष्टाचार की समस्या पर बाबा का रवैया पूरी तरह ठीक है। उनका अब तक का सफर भी बहुत प्रेरक रहा है। व