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Showing posts from December 31, 2009

लो क सं घ र्ष !: चिट्ठाजगत के चिट्ठाकारों को

नव वर्ष की पूर्व संध्या पर चिट्ठाजगत के सभी चिट्ठाकारों को लोकसंघर्ष परिवार की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं सुमन लोकसंघर्ष का सादर प्रणाम

लखनऊ .. हम है सबसे बड़े नबाब..

हम है सबसे बड़े नबाब (लखनऊ ) सतलज जल पर बसा है॥ लखनऊ बड़ा नबाब॥ न तो कोइ घूंटी पिए॥ न कोइ संताप॥ हम है सब से बड़े नबाब॥ हूजूर हिसाब कीजिये॥ न चुंगली घर जाय बसी॥ न धतुरा हाई खाय॥ न कौनव अड़चन पडे॥ न कुछ जाय बिलाय॥ न मन में लालच बसी॥ न बकी अनाप सनाप॥ हम है सबसे बड़े नबाब॥ हुजूर हिसाब कीजिये॥

नाली साफ करा दो, लोग गिरने वाले हैंःःःःःःःःःःःःःःःःः

पियक्कड़ों की हर नुक्कड़ में लगेंगी महफिलें लड़खड़ाते कदमों का नाली ही मुकाम होगा।। नया साल शुरू होने वाला है। उसका सुरूर छाने लगा है। लोगों ने रात का कोटा एक रात पहले ही रख लिया है। पुलिस कहती है दस बजे के बाद पियोगे तो पेलेंगे। हम कहते हैं रोक के दिखाओ। साले हम तो जरूर पिएंगे। कह दो नरक निगम वालों से नाली साफ करा दो, हम गिरने वाले हैं। अबे खुशी तो असली हम ही मनाएंगे। तुम, पालक खाने वालों क्या जानो नए साल की खुशी। पुराने साल भी आलू खाई थी और नए साल में भी आलू ही खाओगे। कभी पनीर का टुकड़ा मुंह में गिर गया तो खुशी का लम्हा मान लिया। अबे हमसे सीखो भले ही भीख मांगनी पड़े, लेकिन चिली पनीर से नीचे समझौता नहीं करते हैं। तुम साले क्या जानो मुर्गे और लेग पीस का जायका। मछली, झोर और रायता। अण्डा करी और मक्खन का तड़का। आलू खाने वाले क्या समझेंगे इसका मर्म। ऐसों को तो भगवान ने भी नहीं छोड़ा इसीलिये तो यमराज रूपी महंगाई को इनके पीछे छोड़ दिया। अब बेटा दाल खा के दिखाओ। हम भी देखें। थाली में कितनी सब्जी ले रहे हो जरा बताओ। विटामिन की कमी हो रही है। आयरन पूरा नहीं मिल रहा है। हड्डियां आवाज करने लगी हैं। जरा सी

भाजपा के बड़े नेताओं ने देखा नई कम्प्यूटर तकनीक का प्रदर्शन संगठन ने सरकार को दिखाई मितव्ययिता की राह

मितव्ययिता के लिए नए उपाय तलाश रही मध्य प्रदेश सरकार को अब भाजपा संगठन ने भी खर्च घटाने के उपाय सुझाना शुरू कर दिया है। आमतौर पर सरकार के कामकाज में सीधे हस्तक्षेप से परहेज करने वाली भाजपा ने स्कूली बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा के मामले में मितव्ययिता के साथ सुविधाओं के विस्तार का विकल्प बताया है। भाजपा की यह पहल राज्य सरकार द्वारा खरीदे जाने वाले कम्प्यूटरों को लेकर है। पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों ने मंगलवार को एक कम्प्यूटर का दस लोगों द्वारा एक साथ इस्तेमाल से संबंधित एक प्रदर्शन देखा। थिन क्लाइंट टेक्नॉलाजी पर आधारित एक साफ्टवेयर के जरिए न केवल एक बेसिक कम्प्यूटर का एक से अधिक लोग एक साथ उपयोग कर सकते हैं, बल्कि इस तकनीक में काम प्रभावित हुए बिना कम्प्यूटर खरीदी के खर्च में 60 प्रतिशत तक कटौती की जा सकती है। भा.ज.पा. प्रदेशाध्यक्ष माननीय नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश संगठन महामंत्री माखन सिंह, दोनों सह संगठन महामंत्री भगतशरण माथुर और अरविंद मेनन के साथ ही भा.ज.पा. प्रदेश उपाध्यक्ष विजेंद्र सिंह सिसोदिया ने इस तकनीक को उपयोगी माना। कुछ अधिकारियों को भी इस तकनीक के प्रदर्शन के मौके पर ब

दोनों कठपुतली पार्टियां

वेदप्रताप वैदिक भारत में राजनीतिक पार्टियां तो दो ही हैं- एक कांग्रेस और दूसरी भाजपा। कांग्रेस अपने सवा सौ साल मना रही है। भाजपा चाहे तो लगभग उससे आधे साल अपने मना सकती है। ये दोनों पार्टियां जितनी लंबी चलीं , देश में कोई अन्य पार्टी नहीं चली। यदि भाजपा और जनसंघ को हम दो अलग पार्टियां मानने लगेंगे तो कांग्रेस को तो हमें कम से कम छह अलग-अलग पार्टियां मानना पड़ेगा। एओ ह्यूम से लेकर तिलक , गांधी , नेहरू , इंदिरा , नरसिंहराव और अब सोनिया कांग्रेस जैसे अलग-अलग कई नाम रखने पड़ेंगे , एक ही कांग्रेस के। यहां मेरा निवेदन सिर्फ इतना है कि आप कृपया इन दोनों पार्टियों की निरंतरता पर ध्यान दें। निरंतरता तो कम्युनिस्ट पार्टी में भी रही , लेकिन उसके दो मुख्य टुकड़े हुए और वे आज भी कायम हैं। एक टुकड़े ने बंगाल , केरल , त्रिपुरा जैसे प्रांतों में राज जरूर किया , लेकिन उसका अखिल भारतीय रूप कभी नहीं उभर पाया और जो रूप उभरा वह भी साम्यवादी नहीं , स्थानीय उपराष्ट्रवादी (बंगाली-मलयाली) रहा। प्रसोपा , संसोपा , स्वतंत्र पार्टी जैसी कई पार्टियां प्रकट हरुई और अपने आप अंतर्धान हो र्गई। देश में जो अनेक छोटे-मो
सिगरेट पीने वाले अब काफी लाभ में रहेंगे। जल्दी ही सिगरेट के हर पैकेट में एक सरकारी कूपन मिलेगा जिससे आप किसी भी अस्पताल में जा कर जांच करवा सकते हैं कि आप कैंसर के शिकार तो नहीं है या कैंसर आपके शरीर में जड़े तो नहीं जमा रहा है। आम तौर पर इस तरह की पड़ताल के लिए पांच हजार रुपए देने पड़ते हैं मगर सिगरेट पीने वालों को तीस से ले कर सौ रुपए तक के पैकेट में यह कूपन मिलेगा। सरकार ने इसे सिगरेट छुड़वाने का एक निर्णायक कदम बताया है लेकिन अस्पताल वालों के लिए यह काफी घाटे का सौदा साबित होने वाला है। लोगों को तम्बाकू उत्पादों के खतरों के प्रति जागरूक करने के लिए सरकार की और पहल। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नई योजना पर अगर मुहर लग जाती है तो जल्द ही लोगों को सिगरेट के डिब्बों में एक फ्री कूपन मिलेगा। इस कूपन को दिखाकर किसी भी कैंसर अस्पताल में कैंसर का चेकअप कराया जा सकता है। मालूम हो कि सरकार इस बात पर बार-बार जोर देती है कि सिगरेट से कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। अब इस संदेश को और कारगर बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नई योजना बना ली है। इस योजना के तहत सिगरेट के डिब्बों से कैंसर का च

नया वर्ष मंगल मय हो,,

नयी उमंगें नयी लालशा ॥ नयी ज्योति जलाएगा॥ आने वाला नया साल॥ हर पल खुशिया लाएगा॥ छू लोगे नीले अम्बर को॥ नया इतिहास रचाओगे॥ तेरी धुन पर नाचेगी दुनिया॥ खुद महान बन जाओगे॥ हर कार्य संभव होगा॥ जन जन ख़ुशी लुटायेगा॥ धन दौलत से भरे खजाना॥ उत्तम कर्म साकार होगा॥ संकट की परछाई पड़े न॥ उपवन भरा विहार होगा॥ मोर पपीहा कोयल बोले॥ नटखट पवन नचाएगा॥