ओलंपिक में एक सूरमा ने देश को पदक दिलाया...सच देश में उत्साह देखते ही बन रहा था..सरकार को समझ नहीं आ रहा था की इस सूरमा के अहसानों को किस तरह चुकाया जाये आखिर पदक मिला है !!सरकार अपने आप को उसके सामने छोटा समझ रही थी की उसके लिए जो भी किया जाये सब कम ही है लेकिन कुछ तो करना ही था सो सरकार ने उस सूरमा को लगभग 3 करोड़ रुपए की नगद राशि और अन्य पुरुस्कारों से लाद दिया...बह मालामाल हो गया और वैसे भी वो तो मुह में सोने की चम्मच लेकर भी पैदा हुआ था ....उसके लिए कितने खुशी की बात थी की एक गोली ..खाली गोली ने उसे हीरो बना दिया!!सच देश को आप पर गर्व है !! फिर कुछ महीने बाद एक रात आतंकवादिओं ने मुंबई को घेर लिए खूब गोलियां चली ..खूब खून बहा ...खूब लाशें गिरी..देश ने कई शूरवीर सैनिकों ने अपनी जान पर खेलकर देश की रक्षा कर ली और अन्तः कई सैनिकों को सहीद होना पड़ा जो उनके लिए भी सच गर्व की बात थी !!और हमारी सरकार को उन सैनकों पर गर्व था इसी गर्व का नतीजा ये निकला की हमारी सरकार ने मरने वाले सैनिकों को ५-५ लाख रुपए की राशिः दी सच कितना अंतर है देश के गर्व में जो खाली गोली चलाता है मनोरंजन के ल