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Showing posts from October 27, 2009

लो क सं घ र्ष !: हिंदू आतंकी संगठनों की घुसपैठ

मालेगांव की आतंकी घटना में हिंदू आतंकी संगठनों के साथ सैन्य अधिकारियों का सम्बन्ध भी प्रत्यक्ष रूप से था । उसी प्रकार मडगांव ( गोवा ) विस्फोट में आरोपी कार्यकर्त्ता ( हिंदू सनातन संस्था) ने बड़े - बड़े नेताओं , पुलिस अधिकारी सहित न्याय व्यवस्था में भी पकड़ मजबूत कर रखी है । मुख्य बात यह है कि गोवा विधि आयोग अध्यक्ष रमाकांत खलप व गोवा के गृह मंत्री रवि नायक ने इस बात को बड़ी साफगोई से माना है । प्रश्न यह उठता है चाहे हिंदू आतंकी संगठन हो या अन्य आतंकी संगठन हो । अगर उनका प्रभाव सेना से लेकर न्याय व्यवस्था तक है और उनके अधिकारी इन संगठनों के आदेश से कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हैं तो देश के लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को बनाये व बचाए रखना मुश्किल होगा । साम्राज्यवादी शक्तियां ऐसे संगठनों को मदद देकर देश को गृह युद्घ की स्थिति में झोंक देना चाहती है जिससे देश में हमेशा अशांति बनी रहे । दूसरी तरफ़ पुलिस विभाग के लोग फर्जी एनकाउंटर कर

नजरिया ...

एक कहानी ज़िन्दगी की राहो मे अक्सर चलते-चलते वजूद मे उठते सवालो के दरमिया ही अक्सर हम अपने आप को और अपनी पहचान को तलाश करते रहते है कुछ ऐसे ही माध्यम से मैने जहन मे उठते सवालो से अपनी सोच को बयान करने की कोशिश की है।एक बागबां मे एक माली था उस माली की खासियत यह कि वो काफ़ी पढा लिखा और होशियार होने के साथ-२ कला पसन्द बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी था उसके बागबां मे कई तरह के फूल खिलते, वो उनकी बडे ही प्यार से देखभाल करता, माली की मानसिकता और सोच से सारा बागबां रौशन था और उसे अपने हुनर पर नाज़ था ।एक दिन अपने ही बागबां मे टहल रहा था उसे एक गुलाब का बेहतरीन फूल खिला हुआ दिखाई दिया और वे दोनो एक दूसरे से बाते करने लगे -माली ने कहा- तुम कितने खूबसूरत होगुलाब ने कहा- खूबसूरती तो देखनेवाले की आंखो मे होती है.माली ने कहा-लेकिन उसकी सोच मे भी वो गहराई होनी चाहिये जिस से वो अपनी खूबसूरती को मयस्सर हो सके.गुलाब ने कहा - हा तुम बिल्कुल सही कहते हो.माली ने कहा- मेरे पास एक मिट्टी का बना हुआ शरीर है जिसे एक नाम दिया है.गुलाब ने कहा-उसी शरीर से तुम प्रस्तुत होते हो अपने आप को दुनियां के सामने प्रदर्शित कर