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Showing posts from June 23, 2009

लो क सं घ र्ष !: प्रात : दुल्हन सी किरणें ...

प्रात : दुल्हन सी किरणें है नीरज को छू लेती । अलि समझे इससे पहले परिरम्य-मुक्त कर देती ॥ चम्पक पुष्पों की रेखा, मन को आडोलित करती। नित नूतन ही उसकी, सन्दर्भ विवर्तित करती॥ अलकें कपोल पर आकर, चंच; हो जाती ऐसे। विधु -रूप-सुधा भरने को दौडे धन शावक जैसे॥ -डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल ''राही''

बलात्कारियों को मौत की सज़ा !

इस्लामी क़ानून में बलात्कार की सज़ा मौत है बहुत से लोग इसे निर्दयता कह कर इस दंड पर आश्चर्य प्रकट करते हैं| कुछ का तो कहना है कि इस्लाम एक जंगली धर्म है | मैंने उन जैसे कई व्यक्तियों से एक सवाल पूछा था - सीधा और सरल | कोई आपकी माँ या बहन के साथ बलात्कार करता है और आपको न्यायधीश बना दिया जाये और बलात्कारी को सामने लाया जाये तो उस दोषी को आप कौन सी सज़ा सुनाएँगे ? मुझे प्रत्येक से एक ही जवाब सुनने को मिला- उसे मृत्यु दंड दिया जाये | कुछ ने कहा कि उसे कष्ट दे दे कर मारना चाहिए | मेरा अगला प्रश्न था अगर कोई व्यक्ति आपकी माँ, पत्नी अथवा बहन के साथ बलात्कार करता है तो आप उसे मृत्यु दंड देना चाहते हैं लेकिन यही घटना किसी और कि माँ, पत्नी या बहन के साथ होती है तो आप कहते हैं मृत्युदंड देना जंगलीपन है| इस स्तिथि में यह दोहरा मापदंड क्यूँ? पश्चिमी समाज औरतों को ऊपर उठाने का झूठा दावा करता है औरतों की आज़ादी का पश्चिमी दावा एक ढोंग है, जिनके सहारे वो उनके शरीर का शोषण करते हैं, उनकी आत्मा को गंदा करते हैं और उनके मान सम्मान को उनसे वंचित रखते हैं | पश्चिमी समाज दावा करता है की उसने औरतों को ऊप

देशी तालिबानी फतवाः गर्ल्स कॉलेजों में नो जींस-नो मोबाइल

लखनऊ. उत्तरप्रदेश डिग्री कॉलेजों के प्रधानाचार्यो की एशोसिएशन ने आज सोमवार को एक बड़ा फैसला करते हुए आगामी 1 जुलाई से शुरु होने वाले सत्र के लिए कॉलेजों में लड़कियों के लिए नया ड्रेस कोड लागू कर दिया है। इस ड्रेस कोड के अनुसार अब कोई भी लड़की कॉलेज में जींस - टी शर्ट पहनकर नहीं आ सकती है तथा अपने साथ मोबाइल फोन भी कॉलेज में नहीं ला सकती है।सभी सरकारी डिग्री कॉलेजो को इस नियम का पालन करना होगा उत्तरप्रदेश डिग्री कॉलेजों के प्रधानाचार्यो के इस नए फैसले को सभी सरकारी डिग्री कॉलेजो में लागू किया जाएगा।क्यों लिया यह फैसलाप्रधानाचार्यो की संस्था ने कहा कि चूंकि प्रदेश में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं लगातार बढ़ रहीं है इसलिए यह फैसला लिया गया है।गौरतलब है कि कुछ समय पहले कानपुर के कुछ कॉलेजों ने भी इसी तरह का फैसला लेते हुए लड़कियों के लिए ड्रेस कोड लागू करते हुए जींस और टी शर्ट पहनने पर रोक लगा दिया था। क्या लड़कियों के साथ होने वाली छेड़खानी की घटनाओं में उनकी वेशभूषा से फर्क पड़ता है? क्या जींस - टी शर्ट पहनने वाली लड़कियां सलवार शूट पहनने वाली लड़कियों की अपेक्षा छेड़खानी की ज्यादा

लो क सं घ र्ष !: राष्ट्रिय हितों के सौदागर है ये निक्कर वाले

बीज़ेपी और संघ परिवार के अन्य सदस्यो के सन्दर्भ में कल्पना करें की भारत जैसे विविधतापूर्ण और बहुलवादी देश में देश भक्त होने के लिए सेकुलर होने और विख्नण्ङनकारी राजनीति के त्याग की शर्त कोई जरूरी नही है क्योंकि सावरकर से लेकर गोलवलकर तक ,हिंदुत्व के सभी विचारको को हिटलर ने सदैव प्रेरित किया है । इसलिए , सिर्फ़ तर्क की खातिर , देखते है की संघ परिवार जिन हिन्दुत्ववादी ताकतों का प्रतिनिधित्व करता है, वे हिटलरी नजरिये से राष्ट्रवादी है या नही। सिर्फ़ तीन मुद्दों कश्मीर, कंधार और सीटीबीटी - पर हम विचार करेंगे । इस विचार का निष्कर्ष यह है की सबको, खासतौर से मुसलमानों को, राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट देने वाली ये ताकतें वास्तव में राष्ट्रिय हितों की सौदागर है और भारतीय जनता ने 15 वी लोकसभा के चुनाव में अडवानी एंड कंपनी को शिकस्त देकर ऐतिहासिक कार्य किया है । पहले कश्मीर। यह सर्विदित है, फिर भी संछेप में दोहराने की जरूरत है की जम्मू - कश्मीर का हिंदू महाराजा अंत तक अपनी रियासत की संप्रभुता के लिए कोशिश करता रहा, पाकिस्तानी हमले के बाद महाराजा रातोरात श्रीनगर से भागकर जम्मू पहुँचा और उस दौरान शेख अ