Skip to main content

Posts

Showing posts from December 9, 2008

पुरस्कृत कविता- यादों की किताब

यादों की किताब नवम्बर माह की यूनिकवि प्रतियोगिता की दूसरी कविता कवि संजय सेन सागर की है, जिसके माध्यम से कवि ने साहित्य को व्यवसाय समझने वालों पर वार किया गया है। साथ-साथ यह कविता एक सच्चे लेखक की भावनाओं को बयां करने का प्रयत्न करती है। म.प्र. के सागर जिले में पैदा हुए और सागर केन्द्रीय विश्वविधालय में बी.काम. द्वितीय वर्ष के छात्र कवि संजय सेन सागर की यह पहली रचना है, जिसे हिन्द-युग्म पर प्रकाशित किया जा रहा है। कवि को पिछले कुछ सालों से लिखने का शौक लगा है। मीडिया में जाना चाहते हैं, उसी दिशा में प्रयासरत हैं। पुरस्कृत कविता- यादों की किताब दिल की तन्हाई जिदंगी की यादों और ख्वाबों की इबारत से खामोश रात में लिखी किताब का सुबह सौदा हुआ । बिक गये वे सभी सपने जो आँखों में बंद थे । लुट गया वो अकेलापन जिसे चुराया था भीड़ से रह गई, तो सिर्फ कुछ दौलत जो मेरे बेकाम की थी । सच्चे दिल के खून को स्याही बनाकर रंगा था उस किताब के पन्नों को । लुटा दी थी हमने सारी खुशियां और गम उस किताब को सजाने में अब मेंरे साथ कुछ है तो उस की धुंधली सी यादें। आसमां सी विशाल भावनाओं, जमीन की पावन सादगी औ

फिर आ सकता है हिंद्स्तान पर खतरा , फिर बह सकती है खून की नदिया...अबकी बार जो हमला होगा बह इससे भी भयानक हो सकता है एक रपट

फिर आ सकता है हिंद्स्तान पर खतरा , फिर बह सकती है खून की नदिया...अबकी बार जो हमला होगा बह इससे भी भयानक हो सकता है एक रपट देश में आतंकी हमलों का खतरा अभी टला नहीं है। अगर सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो अगले महीने की 13 तारीख को देश में एक बार फिर आतंकी हमला हो सकता है। यह आशंका मई से नवंबर तक हुए हमलों के विश्लेषण के आधार पर जताई जा रही है। मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने यह आशंका जताते हुए कहा कि बीते छह माह में आतंकियों ने कई हमले किए हैं। इनमें यह खास बात रही कि हर हमला पहले हमले के एक माह बीतने के बाद और खास चिन्हित तारीखों पर किया गया। अब तक ये तारीखें 13 या 26 रही हैं। इसी आधार पर आशंका जताई जा रही है कि अगला आतंकी हमला 13 जनवरी 2009 को हो सकता है। अगर एक बार फिर जानकारी होते हुए भी पुलिस सोती रही तो इसे हम क्या समझेंगे हिन्दुस्तान की सेना से आग्रह है की सुरक्षा बरते और मासूमों की जान से खिलवाड़ न करे !~